Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update, Ranchi latest news, Jharkhand latest news : इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा लगातार सनातन पर हमला बोला जा रहा है। रांची के सांसद संजय सेठ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सनातनी धर्म पर हो रहे प्रहार को लेकर कड़ी निन्दा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सनातनी भावनाओं पर कुठाराघात किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इन नेताओं के द्वारा सनातन को मिटाने की बात कही जा रही है। इन्हें सोचना चाहिए की जो सनातन मुगलों की तलवार से नहीं मिटा। अंग्रेजों के अत्याचार से नहीं मिटा, वह सनातन उनके बोलने भर से मिट नहीं जाएगा। वोट बैंक की भूख में ये लोग की हद तक गिर सकते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण यह प्रकरण है। ऐसे नेता जो कभी सनातन से जुड़े हुए थे। उन्होंने खुद लालच में आकर अपना धर्मांतरण कर लिया। और अब ऐसे लोग आज सनातन को मिटाने की बात करते हैं। तो यह हास्यास्पद स्थिति लगती है। इतिहास गवाह रहा है कि सनातन को मिटाने वाले लोग खुद मिट गए हैं। उनका समूल नाश हो गया है।
झामुमो और कांग्रेस बताएं अपना स्टैंड
ऐसे नेताओं को कम से कम इस तरह की अनरगल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। इंडिया गठबंधन से जुड़े उन तमाम दलों को अपने-अपने राज्य की जनता के समक्ष पर सफाई देना चाहिए। मैं झामुमो और कांग्रेस के झारखंड के नेताओं से मांग करता हूं कि यह जनता के सामने बताएं कि सनातन को मिटाने का जो बयान दिया गया है। उस पर इनका क्या स्टैंड है? इन्हें अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए वरना आने वाले चुनाव में जनता इन्हें बिना स्टैंड का बना कर रखेगी। झारखंड की इंडिया गठबंधन वाली सरकार के द्वारा कुछ दिन पहले राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया गया। विभिन्न पदों पर उनकी नियुक्तियां की गई। निश्चित रूप से लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यह अच्छा है परंतु इसके बाद धार्मिक न्यास बोर्ड ने जिस तरह के कदम उठाने शुरू किए गए, वह सनातनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाला है। सनातनी धार्मिक स्थान के साथ खिलवाड़ करने वाला है। इसके साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान को भी चुनौती देने वाला है। जिस तरह से पहाड़ी मंदिर में समिति का गठन किया गया, मेन रोड में संकट मोचन मंदिर में समिति का गठन किया गया, यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।
पहाड़ी मंदिर और संकट मोचन मंदिर का मामला उठाया
पहाड़ी मंदिर में पूर्व से ही एक समिति काम कर रही है, जिसके अध्यक्ष डीसी हैं। सचिव एसडीओ हैं। जबकि मेन रोड का संकट मोचन मंदिर महंत परंपरा से संचालित होता है। इस धार्मिक न्यास बोर्ड ने राजनीतिक आड़ में भारतीय संविधान का भी मजाक उड़ाया है और हमारी महंत परंपरा को भी चुनौती दी है। इन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मंदिर राजनीति का अखाड़ा नहीं है। मंदिरों में ये राजनीति नहीं करें। यदि कुछ बेहतर करना है तो मैं खुली चुनौती देता हूं कि यह पहाड़ी मंदिर के क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करें। उसकी घेराबंदी करें। संकट मोचन हनुमान मंदिर पर जो हमला किया गया, उसके दोषियों पर कार्रवाई करें। तभी मैं मानूंगा कि वास्तव में मंदिरों के प्रति ये चिंतित हैं वरना मंदिरों का राजनीतिकरण नहीं करें। मंदिर को मंदिर ही रहने दे वह हमारी भावनाओं के केंद्र है। हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करेंगे, सनातन संस्कृति से खिलवाड़ करेंगे तो यह खिलवाड़ और इसका परिणाम जनता आने वाले वक्त में दिखा देगी।