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श्री सर्वेश्वरी समूह ने मनाया अपना 63वां स्थापना दिवस, लोलार्क षष्ठी पर्व भी विधि-विधान के साथ हुआ सम्पन्न

श्री सर्वेश्वरी समूह ने मनाया अपना 63वां स्थापना दिवस, लोलार्क षष्ठी पर्व भी विधि-विधान के साथ हुआ सम्पन्न

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Jharkhand news , Ranchi news, Shri sarveshwari samuh : श्री सर्वेश्वरी समूह, औघड़ भगवान राम आश्रम, रांची में समूह का 63वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस वर्ष अघोराचार्य महाराजश्री बाबा कीनाराम के षष्ठी-लोलार्क षष्ठी पर्व भी इसी दिन होने के कारण श्रद्धालुओं ने दोनों ही पर्व हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रभातफेरी से हुई। “सर्वेश्वरी त्वम पहिमाम शरणागतम” – भजन के साथ सैंकड़ों की संख्या में शामिल दो-पहिया एवं चार-पहिया वाहनों से श्रद्धालुओं ने नगर भ्रमण किया। प्रभात फेरी आश्रम से किशोर गंज चौक, हरमू चौक, अरगोड़ा चौक होते हुए बिरसा चौक तक गयी। फिर उसी मार्ग से वापस आश्रम तक लौटी। तत्पस्च्यात सर्वेश्वरी ध्वजारोहण एवं आरती पूजन के बाद सद्ग्रन्थ सफलयोनि का पाठ किया गया। शहीद चौक स्थित शहीद स्थल पर सदस्यों ने दीप दान भी किया।

गुरु रास्ता दिखाते हैं, उस पर चलना हमें ही पड़ेगा

पूपूर्वाह्न 10 बजे विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता अलाहाबाद विश्विद्यालय के मानवशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय शंकर सहाय ने की। उन्होंने गुरु की महिमा की चर्चा करते हुए कहा कि गुरु रास्ता दिखाते हैं, लेकिन उस पर चलना हमें ही पड़ेगा। उन्होंने भारत की संस्कृति और गुरु परम्परा की चर्चा करते हुए कहा कि अध्यात्म की जिस पराकाष्ठा पर हम पहुंचे हैं, उसकी तुलना पूरे विश्व में किसी से नहीं की जा सकती है। वहीं, कर्नल रामचन्द्र नाथ शाहदेव ने समूह की स्थापना के लिए निर्धारित दिन, समूह के ध्वज एवं प्रतीक चिह्न पर प्रकाश डालते हुए उसे अद्वितीय बताया। ये ऐसे मानदंड हैं, जो समदृष्टि का भाव रखते हैं। उन्होंने समूह की तुलना धोबी घाट से की, जहां आने पर लोग साफ हो कर निकलते हैं। उनका मानना है कि जिन्हें जीवन मे गुरु का सान्निध्य नहीं मिलता, उनका जीवन अपूर्ण है। वहीं, मन्मथ नाथ देवघरिया ने अघोरेश्वर भगवान राम जी के सम्बोधनों में राष्ट्र शब्द के बार-बार प्रयोग किये जाने को महत्त्वपूर्ण माना। उन्होंने श्रद्धालुओं एवं शोधकर्ताओं से अघोरेश्वर भगवान राम के आशीर्वचनों में बार-बार राष्ट्र शब्द के प्रयोग पर चिंतन और संकलन करने का आह्वान किया। नयन मंजरी देवी ने कहा कि जबतक हममें मानवता के गुण नहीं आते, हम मानव का कल्याण नहीं कर सकते। इसके पूर्व शाखा के मंत्री राधेश्याम सिंह ने श्री सर्वेश्वरी समूह की स्थापना, अघोराचार्य बाबा कीनाराम जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए विषय प्रवेश कराया। मंगलाचरण यशवन्त नाथ शाहदेव ने किया। वहीं, धन्यवाद ज्ञापन नवीन कुमार ने किया। गोष्ठी का संचालन अभय सहाय ने किया।

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बाल कविता पाठ का भी हुआ आयोजन

0 से 6 वर्ष एवं 7 से 12 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं के लिए कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पहले तीन स्थान पर आये प्रतियोगियों को शाखा उपाध्यक्ष विभूति शंकर सहाय ने पुरस्कृत किया।

0 से 6 वर्ष में :

प्रथम स्थान – श्री शाहदेव

द्वित्य स्थान – मयंक

तृतीय स्थान – पुण्य प्रताप सिंह

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7 से 12 वर्ष में:

प्रथम स्थान – अनन्या नारायणी

द्वितीय स्थान – तनीषा माधुरी

तृतीय स्थान – सक्षम नाथ शाहदेव

इसके उपरान्त विश्वकल्याणार्थ दो घंटे का “अघोरानना परो मन्त्रः नास्ति तत्त्वं गुरु परम” का संकीर्तन किया गया। शाखा द्वारा स्थानीय मन्दिरों में झाड़ू वितरण भी किया गया।

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