Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

वीर बुधू भगत के नाम पर हो श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम: शिल्पी नेहा तिर्की

वीर बुधू भगत के नाम पर हो श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम: शिल्पी नेहा तिर्की

Share this:

Shyama Prasad Mukherjee University should be named after Veer Budhu Bhagat: Shilpi Neha Tirkey, Jharkhand top news, Jharkhand latest Hindi news, Ranchi top news, Ranchi  latest Hindi news, Ranchi Top news : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो शून्य काल चला। इस दौरान शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का झारखंड के लिए कोई योगदान नहीं रहा। फिर भी उनके नाम पर रांची यूनिवर्सिटी का नामकरण हुआ। सरकार वीर बुधू भगत के नाम पर इस यूनिवर्सिटी का नामकरण करे।

इन विधायकों ने भी रखी अपनी मांग

पूर्णिमा नीरज सिंह ने धनबाद में बीसीसीएल द्वारा दामोदर नद को प्रदूषित किये जाने और एनजीटी के गाइडलाइन के उल्लंघन का मसला रखा। दीपिका पांडेय सिंह ने शिक्षा विभाग की सहमति के बावजूद पारा शिक्षकों को अबतक वेतनमान और ईपीएफ सुविधा नहीं दिये जाने का मसला रखा। राजेश कच्छप ने ओरमांझी के प्लस टू स्कूल में विज्ञान और गणित विषय के शिक्षक नहीं होने की बात रखी।

विनोद सिंह ने हजारीबाग पूर्वी और गिरिडीह वन प्रमंडल में हाथियों द्वारा फसल नुकसान का मुआवजा साल भर से लम्बित रहने का मामला रखा। क्यूआरटी के गठन की भी मांग की। विधायक विक्सल कोंगाड़ी ने प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में जनजातीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति का मसला रखा।

लम्बोदर महतो ने भी उठाया मामला

लम्बोदर महतो ने रामगढ़ और बोकारो में वन अधिकार के तहत 225 से अधिक लंबित पट्टे सम्बन्धी आवेदन पर सदन का ध्यान दिलाया। दशरथ गगराई ने पश्चिमी सिंहभूम के स्कूलों में पूर्ववत मिड डे मील व्यवस्था की मांग की। अनन्त ओझा ने राजमहल में इंडोर स्टेडियम की कमी और इसके निर्माण की मांग सरकार से की। भूषण बाड़ा ने पंचायत स्वयंसेवकों को बकाया मानदेय देने और स्थायी किये जाने की मांग की। इरफान अंसारी ने फाजिल और आलिम स्नातकों को भी केन्द्र और राज्य सरकार की नौकरियों में मान्यता देने का आग्रह किया। रामचंद्र सिंह और मंगल कालिंदी सहित अन्य विधायकों ने भी अपनी मांग रखी।

खरसावां डिग्री कॉलेज में घंटी आधारित शिक्षकों की होगी नियुक्ति : मंत्री मिथिलेश ठाकुर

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को विधायक दशरथ गगराई ने सदन में कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत खरसावां डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि खरसावां डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के 17 पद सृजित हैं, जबकि कॉलेज सिर्फ प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहा है।

समीर मोहंती ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के चालू नहीं होने का मामला उठाया

विधायक समीर मोहंती ने सदन में चाकुलिया नगर पंचायत के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के चालू नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 2022 में प्लांट बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन अब तक इसे चालू नहीं किया गया है। इस पर जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री सत्यानन्द भोक्ता ने कहा कि प्लांट का निर्माण होने के बाद उसे चालू करने के लिए तीन प्रकार के प्रमाण पत्र को प्राप्त करना जरूरी होता है, जिनमें से दो प्रमाण पत्र एनवायरमेंटल क्लीयरेंस और कंसेंट टू एस्टेब्लिश प्रमाण पत्र को प्राप्त कर लिया गया है। सिर्फ कंसेंट टू आॅपरेट प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना बाकी है। इसके मिलने के बाद प्लांट सुचारू रूप से शुरू हो जायेगा।

दलितों और आदिवासियों से छद्म सहानुभूति न दिखायें इरफान : अमर बाउरी

कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने सदन में कहा कि भाजपा के लोग यह प्रचार कर रहे हैं कि उनके तीन विधायकों का निलम्बन युवाओं के पक्ष में आवाज उठाने पर हुआ है, जबकि यह सही नहीं है। वे सदन में हंगामा कर रहे थे। इसलिए निलम्बित किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी दलित समुदाय से आते हैं, लेकिन भानु प्रताप शाही और बिरंची नारायण जैसे विधायक दलित और आदिवासी से प्रेम का दिखावा करते हैं।

स्वास्थ्य विभाग में 19621 पद स्वीकृत, सिर्फ 6414 कर्मी कर रहे काम

राज्य में स्वास्थ्य विभाग में 19621 पद स्वीकृत हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 6414 पदों पर ही कर्मचारी काम कर रहे हैं यानी स्वीकृत पद के लगभग 33 प्रतिशत पदों पर ही कर्मचारी हैं। बाकी 67 फीसदी पद खाली हैं। सदन में विधायक नीरा यादव के पूछे सवाल पर स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी है। नीरा यादव ने सरकार से यह भी कहा कि कोडरमा में चिकित्सा पदाधिकारी ने 2022 से अब तक आउटसोर्सिंग में की गयी नियुक्ति में भारी गड़बड़ी की है। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि नियमित स्वीकृत पद पर आईपीएच मानक के आधार पर आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति हुई है।

Share this: