Dhanbad News : धनबाद राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में मंगलवार को वार्षिकोत्सव संपन्न हुआ जिसमें बहनों ने रंगारंग प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी आईएसएम धनबाद के निदेशक डॉक्टर सुकुमार मिश्रा आमंत्रित थे। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि अभिभावक समाज संस्थान बच्चों के चरित्र निर्माण से जुड़े और बच्चे बच्चियों में सकारात्मक ऊर्जा भरने का काम करें। छात्र जीवन में आप जितना कठिन परिश्रम करते हैं इसका प्रतिफल आपको जीवन भर प्राप्त होता है इसलिए मन लगाकर पढ़ना, बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करना, छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य है क्योंकि आने वाला भविष्य उन्हीं के कंधों पर अपनी नींव रखेगा ।
“राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर की जड़ में भारत की संस्कृति एवं भारतीयता छिपी है“
विद्यालय के अध्यक्ष विनोद कुमार तुलस्यान ने कहा कि राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर की जड़ में भारत की संस्कृति एवं भारतीयता छिपी है। अपने विद्यालय की यह विशेषता है कि हम सब यहां पढ़ने वाले बच्चे बच्चियों का सर्वांगीण विकास करते हैं केवल पुस्तकीय अध्ययन उन्हें प्रदान नहीं किया जाता।
प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा ने अतिथि परिचय कराया
कार्यक्रम की भूमिका एवं अतिथि परिचय विद्यालय के प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा ने कराया। उन्होंने मंचासीन अधिकारियों का परिचय कराने के क्रम में कहा कि राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ने वाले बच्चे बच्चियां हमेशा रचनात्मक कार्यों में जुड़ी रहती हैं उन्हें यहां मात्र शिक्षा ही नहीं संस्कृति की घुटी भी पिलाई जाती है। विद्यालय के विद्वान शिक्षक शिक्षिकाओं की टोली के निर्देशन में यहां बच्चों का भविष्य गढ़ा जाता है । विद्यालय को अभिभावकों का भी सहयोग मिलता है। इसलिए हम उन्हें हृदय से धन्यवाद देते हैं।
विद्यालय के उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार पटनिया ने स्वागत भाषण एवं मंत्री संजीव अग्रवाल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर उपलब्धियों के लिए जाना जाता है प्रत्येक वर्ष इस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर छात्र देश के कई कोने में बड़े अधिकारी बनकर विद्यालय का नाम उज्जवल कर रहे हैं। विद्यालय के सह मंत्री दीपक रुइया ने धन्यवाद ज्ञापन किया उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रत्यक्ष और परोक्ष जुड़ी शक्तियों को मैं धन्यवाद देता हूं ।जिनके कारण आज का कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो गया।
संपन्न हुए वार्षिक उत्सव में सायंतनी, निष्ठा , इशिका, अनन्या ,निशिता ,भूमि , साक्षी, विजया राज, अनन्या, राधिका खंडेलवाल, सिद्धि साल, अक्षरा, सालवी, रिया गुप्ता, सोनम, अनुष्का, एंजेल ,आर्य, गौरी, अयंतिका, आकांक्षा , शताक्षी, आराध्या, आरोही ,आदि श्री, अदिति, अंशिका, अर्णव राज, दिव्यांशी, पाखी ,निहारिका, हर्षिता, मानसी ,वंश ,वैष्णवी, आयुष, जयति, अरभिया, दीवयानी, दुर्गा ,जयस, माही, मेघा ,नैंसी ,नैनिका ,पीहू ,साक्षी, राशि, रिया, रूही ,सक्षम, साक्षी, सालवी, सानिया, शानवी ,सर्वज्ञ, सौम्या श्रेया सुभाष केशव दिव्यांशी ,वंश ,वंशिका ,अद्विक, प्रतीक मिश्रा, अमृत , अभिनव, केशव, आरुष, युवराज ,पीयूष, अंशुमन, राज आनंद, प्रांजल, आतिफ, लक्ष्य ,अमित ,आदर्श, सत्यम, आदित्य, यश, राज, आर्यन ,साहब ,वरदान ,जयकुमार ,अमन, वैभव ,अमरजीत, वैश कुमार, श्रीहर, निशित, समृद्धि, आराध्या, शिवानी ,आरोही, आकृति, पलक, नव्या, खुशी, प्रियांशी, श्रीजा ,आराध्या ,नित्या, लैकिशा, निहारिका, परी ,जानवी, परी कुमारी ,नर्मदा, कृतिका, अदिति, शानवी, समृद्धि परमार, अनन्या, ईशानी, रिआंशिका ,दिव्या ,तानिया, उन्नति, अंजलि, प्रज्ञा उत्कर्ष ,सूर्यांश, श्याम ,विशाल, आकाश, आदर्श, रुद्रा, आदित्य, शुभम, रिकी ,अपूर्वा, सोनाली, सुप्रिया, आरुषि ,साक्षी ,कनक ,जिया, प्रियांशी, श्रुति, सिमरन, शिल्पी ,भूमि, पल्लवी, इशिका ,श्रेया ,कोमल, तेजस, जयकुमार, आलोक, जयदीप, गुरकीरत, श्रेयांशु, पृथ्वी, आर्य, आदर्श, शौर्यजीत, अंशराज, गजेंद्र ,ज्ञानेंदु, आदर्श यशस्वी प्रणव मयंक विनायक साईं रंजन, मानस, रोशन, सुयश, सार्थक, शौर्य ,प्रेम, वत्सल ,मोहित, सनी ,अंकित ,राहुल आदि भैया बहनों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी।
मंच संचालन अनुष्का सरखेल, रिचा कुमारी, वर्षा कुमारी, अनन्या, अरुणिमा तथा श्रेया कुमारी ने की।
कार्यक्रम में मंगलाचरण,समूह नृत्य, राजस्थानी नृत्य, हिंदी नाटक, शिव स्तोत्र, वृंद वादन ,भोजपुरी लोक नृत्य, अंग्रेजी नाटक एवं श्री गणेश जैसे समूह नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र से की गई।