बोदा गांव में खुदाई के दौरान मिट्टी का टीला ढहा, एक महिला व एक युवती की मौत, एक छात्रा, एक युवती व एक महिला घायल
Breaking news, Ranchi news, Ranchi top news, Ranchi update, Jharkhand news, Jharkhand top news, Jharkhand update : रांची जिला के प्रखंड की हरिहरपुर जामटोली पंचायत के बोदा गांव के बौली सोकरा जंगल के समीप बौली गढ़ा में शनिवार की सुबह लगभग साढ़े नौ बजे मिट्टी खुदाई के दौरान मिट्टी का टीला धंस गया। इससे घटना स्थल पर ही एक 35 वर्षीय महिला बरती उरांव व एक 23 वर्षीय युवती सोमेश्वरी धान की दर्दनाक मौत हो गयी। वहीं, मॉडल स्कूल बेड़ो की 15 वर्षीय छात्रा अमृता कोया, 20 वर्षीय पंची लकड़ा व 24 वर्षीय यशोदा कुमारी घायल हो गयी। तीनों घायलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेड़ो में डॉ. मेघा भगत की देखरेख में इलाज किया गया। बताया जाता है कि सभी महिलाएं नेहालु पंचायत की रोगो गांव निवासी हैं। ये अपने घरों में लेपन कार्य के लिए सभी महिलाएं मिट्टी की खुदाई कर रही थीं। इसी दौरान अचानक मिट्टी के धंसने से उनके ऊपर मिट्टी का मलबा जा गिरा। इधर, घटना के बाद हर तरफ चीख-पुकार मच गयी। दो महिलाओं की लाश मिट्टी में दबी थी। उनके स्वजन और बच्चे बिलख रहे थे। हर कोई घटनास्थल की तरफ भाग रहा था। देखते ही देखते पूरा रोगो व बोदा ; दोनों गांव सहित आसपास के लोग जमा हो गये। वहीं, घटना की तत्काल सूचना पाकर बेड़ो थाना प्रभारी नकुल साह, अंचलाधिकारी प्रताप मिंज, प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल उरांव व एसआई रौशन कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं, महरू गांव के समाज सेवी साबिर मीर व श्रवण खान, नेहालु मुखिया वीरेंद्र भगत, पूर्व मुखिया सुनील कच्छप, बबलू लोहरा व देवानंद सिंह द्वारा जेसीबी मंगवा कर पुलिस-प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग से दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जेसीबी से मलबा को हटा कर दोनों के शवों को बाहर निकाला गया। वहीं, घायलों को एम्बुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेड़ो पहुंचाया गया। इधर, हादसे से पूरा रोगो गांव गमगीन हो गया। इस हृदय विदारक घटना से हर कोई मर्माहत है। वहीं, सीओ प्रताप मिंज ने कहा कि घटना बहुत दुखद है। भूस्खलन से मिलनेवाली मुआवजा राशि को पीड़ित परिवार को दिया जायेगा। इधर, बेड़ो पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है।
तीन बच्चों के सिर से उठा मां का साया
घटना में मृतक महिला बरती उरांव के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। इनमें 15 वर्षीय रवि उरांव, जो जनता हाई स्कूल दिघिया में 10वीं कक्षा में पढ़ता है। बेटी मीना उरांव, जो जहानाबाज स्कूल में कक्षा आठवीं में पढ़ती है। छोटा बेटा राहुल उरांव रोगो स्कूल में कक्षा पांचवीं में पढ़ाई करता है। इन बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया। घटना से इन परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
कान पकड़ते हैं, अब मिट्टी लाने नहीं जायेंगे
गांव की महिलाएं समय-समय पर सफेद पोतनी मिट्टी लाती रहती हैं। बोदा गांव के बौली गढ़ा के पास यह मिट्टी ज्यादा मिलती है। कई महिलाएं पोतनी सफेद मिट्टी निकाल कर बेचती भी हैं। साथ ही, अपने घरों को मिट्टी से घर को लीपती हैं। दीवारों को रंगती भी हैं। वहीं, कई महिलाएं कह रही थीं कि अब कान पकड़ते हैं, मिट्टी लाने नहीं जायेंगे। घटनास्थल में कई बोरे में भर कर मिट्टी रखी हुई थी।