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इंटरमीडिएट में नामांकन पर हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा, एबीवीपी ने जताया हर्ष

इंटरमीडिएट में नामांकन पर हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा,    एबीवीपी ने जताया हर्ष

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RANCHI NEWS: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रांची विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट में नामांकन लेने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखने के निर्णय का स्वागत किया है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले पर हर्ष जताया है। अबतक रांची विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत कॉलेजों में इंटर पढ़ाई होती रही है । इस वर्ष भी 20 अप्रैल 2024 को नामांकन लेने की अधिसूचना को 23 अप्रैल को रांची विश्वविद्यालय ने रद्द कर दिया था।  इसे  छात्र विरोधी बताते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न महाविद्यालय में पुतला दहन, हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया था। रांची के कार्यकर्ताओं ने 8मई को घंटों तक विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करते हुए तालाबंदी की थी। 

विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक शिवेंद्र सौरभ ने माननीय न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए बताया कि झारखंड में सिर्फ रांची विश्वविद्यालय को छोड़कर अन्य सभी विश्वविद्यालय में नामांकन लिया जा रहा था। नामांकन नहीं होने से हजारों विद्यार्थी परेशान रहे। विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता उन सभी विद्यार्थियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने अधिकार के लिए आंदोलन करते रहे। 

स्थानीय भाषाओं की शिक्षा का मिलता रहेगा लाभ

प्रदेश मीडिया प्रभारी गुड्डू राय ने कहा कि अंगीभूत कॉलेज सहित स्वायत्त महाविद्यालयो में इंटरमीडिएट की पढ़ाई होने से विद्यार्थियों को क्षेत्रीय भाषाओं के अध्ययन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। विश्वविद्यालय के निर्देश से रांची के विद्यार्थी क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं की शिक्षा से वंचित रह जाते। 

विद्यार्थियों के अधिकारों की आवाज उठाएगी एबीवीपी

रांची महानगर के मंत्री ऋतुराज शहदेव ने न्यायालय का फैसले का स्वागत करते हुए बताया कि यह रांची के सभी विद्यार्थियों की जीत है। रांची विश्वविद्यालय निरंतर अपनी मनमानी पर तुला हुआ है। विश्वविद्यालय की हठधर्मिता के कारण लगातार विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर विश्वविद्यालय अपनी हठधर्मिता और भ्रष्ट तंत्र को समाप्त करने की दिशा में सकारात्मक पहल नहीं करता है तो विद्यार्थी परिषद जल्द ही एक व्यापक छात्र आंदोलन कर विद्यार्थियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाएगी।

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