Jharkhand news : धनबाद जिले कि निरसा पुलिस सामूहिक दुष्कर्म और दुष्कर्म जैसे मामलों में कार्रवाई करने शिथिलता बरत रही है। गलफरबाड़ी ओपी पुलिस ने चार दिन पहले ही कोलकाता की युवती से सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपितों को बिना प्राथमिकी किए छोड़ दिया था। अभी इसकी जांच चल ही रही थी कि मैथन ओपी प्रभारी ने एक दुष्कर्म पीड़ित किशोरी की प्राथमिकी दर्ज करना तो छोड़िए, दुष्कर्मियों की शिकायत करने आई पीड़िता और उसके पिता को प्रताड़ित कर ओपी से भगा दिया। पीड़िता की जांच भी नहीं कराई। इस घटना से पीड़िता और उसका पूरा परिवार इस कदर दहशत में आ गया कि वह मैथन छोड़कर धनबाद बैंक मोड़ पलायन कर गया।
5 दिन बाद भी दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी
आपको बता दें कि यह मामला सात अगस्त का है। पांच दिन बाद भी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए एसएसपी के दरबार तक गुहार लगा चुका है। इधर, ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन गुरुवार को मैथन ओपी पहुंची और इस मामले में ओपी प्रभारी बालाजी राजहंस से जानकारी ली। वहीं सूचना है कि कोलकाता की युवती से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों को छोड़ने वाले गलफरबाड़ी ओपी प्रभारी को प्रशिक्षण में भेज दिया गया है।
सहेली के भाई ने किया घृणित कार्य
मैथन की आमकुड़ा पंचायत की रहने वाली पीड़ित किशोरी के पिता ने बताया कि पांच अगस्त की शाम करीब 6:30 बजे उनकी बेटी को उसकी सहेली ने फोन कर अपने घर में बुलाया। जब उसकी बेटी उसके घर पहुंची तो सहेली घर में नहीं थी। घर में उसका भाई करण कुमार अकेला था। जब उनकी बेटी ने सहेली के बारे में पूछा तो करण ने बताया कि वह पड़ोस में गई है। घर में आकर बैठो, कुछ ही देर में आ जाएगी। उसकी बात को मानकर वह जैसे ही घर के अंदर गई तो करण ने दरवाजा बंद कर दिया और मुंह दबाकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
आरोपित ने पीड़िता को जान मारने की धमकी दी
आरोपित ने किसी को भी घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद डरी-सहमी उनकी पुत्री घर आई और घटना की जानकारी अपनी मां को दी। उस वक्त वह (पिता) कोटा राजस्थान गए थे। पत्नी ने घटना के बारे में उन्हें फोन पर बताया। इसके बाद सात अगस्त को वह मैथन पहुंचे। जब घटना के बारे में करण के स्वजनों को बताया तो उसके चाचा दीपक राम ने उल्टे उन्हें मारने पीटने की धमकी दी और गाली-गलौज करने लगा। इसके बाद सात अगस्त को ही वह अपनी बेटी को लेकर प्राथमिकी कराने मैथन ओपी गए। वहां ओपी प्रभारी प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय उन्हें ही डराने-धमकाने लगे। इस कारण वह अपनी बेटी को लेकर थाने से लौट गए।
न्याय नहीं मिलने तक लड़ते रहेंगे लड़ाई
पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी को जबतक न्याय नहीं मिल जाता तबतक लड़ाई लड़ते रहेंगे। आरोपित युवक करण कुमार और उसके परिवार के सभी सदस्य घटना के बाद मैथन स्थित आवास में ताला लगाकर अपने पैतृक गांव बिहार के डेहरी चले गए हैं। पीड़िता के पिता के अनुसार मैथन ओपी प्रभारी ने आरोपित को डेहरी से पकड़कर लाने के एवज में उनसे वाहन व किराये की मांग की। नहीं देने पर कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे उन्हें ही मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। तरह-तरह की धमकी दी।