झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन
नियोजन नीति के मुद्दे पर दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी
Jharkhand top news, Jharkhand latest Hindi news, Ranchi top news, Ranchi latest Hindi news, Ranchi Top news : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन परिसर में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जम कर नारेबाजी की। भाजपा के बिरंची नारायण, ढुल्लू महतो ने नियोजन नीति स्पष्ट करने को लेकर हेमन्त सरकार को घेरा। उन्होंने राज्य सरकार के अधीन सवा तीन लाख पद को भरने की मांग की और कहा कि यदि युवा नौकरी की मांग करता है, तो सरकार लाठी चला कर उन्हें डराने का काम करती है। हो हंगामा के बीच भाजपा के दो विधायक भानु प्रताप शाही और बिरंची नारायण को स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने पूरे सत्र के लिए निलम्बित कर दिया। साथ ही, जेपी पटेल को सदन से बाहर निकाल दिया। इसके बाद भाजपा के सभी विधायक सदन से वॉक-आउट कर गये और धरने पर बैठ गये। भाजपा विधायक राज्यपाल से मिलेंगे और राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
यदि सूचना पढ़ ही देते, तो क्या हो जाता : बाउरी
नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने कहा कि विधायक कार्य स्थगन और कार्य सूचना मांग रहे थे। यदि सूचना पढ़ ही देते, तो क्या हो जाता। लेकिन, ऐसा नहीं कर सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक अपना अधिकार मांग रहे थे और स्पीकर ने उन्हें बाहर कर दिया, जिसकी वजह से भाजपा ने सदन का बहिष्कार किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, स्पीकर को विधायकों का निलम्बन वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि झारखंड के युवाओं के लिए आवाज उठाना अपराध है, तो हम बार-बार यह अपराध करेंगे।
जायसवाल ने पोशाक की गुणवत्ता पर सवाल उठाया
मनीष जायसवाल ने जिला में स्कूल में बांटी जानेवाली पोशाक की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो एनजीओ के माध्यम से 17 करोड़ की पोशाक खरीदी है, जिसकी गुणवत्ता बेहद खराब है। इस पर कांग्रेस के विधायक उमाशंकर अकेला ने पलटवार करते हुए कहा कि मनीष जायसवाल को इसका टेंडर नहीं मिला, जिससे वह नाराज हैं। साथ ही, जिला शिक्षा अधीक्षक पर आरोप लगा रहे हैं। इरफान अंसारी ने यूपी और एमपी में दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
पूर्णिमा नीरज सिंह ने झारखंड में राज्य महिला आयोग को मजबूत करने और महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा के लिए अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का मसला रखा। मंगल कालिन्दी ने हो भाषा की पढ़ाई स्कूल से महाविद्यालयों तक सुनिश्चित करने की मांग रखी।
दीपिका ने भवन उठाये जाने की मांग सरकार से की
इसके बाद दीपिका पांडेय सिंह ने महगामा में बार एसोसिएशन का भवन उठाये जाने की मांग सरकार से की। भूषण बाड़ा ने सिमडेगा जिले में खडिया भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति की मांग रखी। इरफान अंसारी ने जामताड़ा के जयपालपुर में सात वर्षों से बंद पडे लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम को चालू करने की मांग की, ताकि 12 हजार किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके। इरफान की मांग के बीच नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सदन में सरकार से पारा शिक्षकों, संविदा पर कार्य कर रहे कर्मियों और अन्य के विषय जब लाए जा रहे तो सरकार जवाब ही नहीं दे रही। यहां के लोगों को रोजगार नहीं देने का पाप सरकार कर रही। इसके बाद बाउरी ने भाजपा विधायकों संग सदन का बहिष्कार कर दिया।
इन विधायकों ने भी रखी मांग
भाजपा विधायकों के सदन से बाहर निकलने के बाद शून्य काल में समीर मोहंती, संजीव सरदार, शिल्पी नेहा तिर्की, सुनीता चौधरी सहित अन्य ने भी अपनी मांग रखी। समीर मोहंती ने बहरागोडा में 108 एम्बुलेंस सेवा को तत्काल शुरू किए जाने की मांग की। उमाशंकर अकेला ने हजारीबाग में पांच किमी इको सेंसेटिव एरिया को एक किमी तक में ही सीमित किए जाने की मांग की। संजीव सरदार ने उनके विधानसभा क्षेत्र में हाईस्कूल का अभाव और इसके लिए राजेन्द्र मध्य विद्यालय को उत्क्रमित करते हाई स्कूल में बदलने की मांग की। राजेश कच्छप ने सरला बिरला स्कूल, राजाचलातू वाली सड़क के मरम्मत की मांग की। विनोद सिंह ने सउदी अरब में फंसे झारखंड के मजदूरों को वापस लाने और बकाया मानदेय दिलाये जाने की मांग रखी। बिक्सल कोंगाडी ने उनके विधानसभा क्षेत्र में बन रही सड़कों से एसटी समाज के लोगों और वन क्षेत्र को उजाड़ने से बचाए जाने और सिमडेगा में फ्लाईओवर बनाये जाने की मांग की। सरयू राय ने कुड़माली को कुरमाली भाषा के तौर पर नोटिफाई करने और राज्यादेश जारी करने की अपील की। लम्बोदर महतो ने बीआरपी, जेएसएसपीएस, आंगनबाड़ी कर्मी, सहायक अध्यापक सहित अनुबंध पर कार्य कर रहे कर्मियों को स्थायी किये जाने की मांग की। रामचंद्र सिंह ने लातेहार में वनरोपण में लापरवाही, मुआवजा भुगतान का मसला रखा। मथुरा प्रसाद महतो ने स्कूल, महाविद्यालय में जनजातीय भाषा, क्षेत्रीय भाषाओं में अध्यापन कार्य के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की। सुनीता चौधरी ने जलसहिया, आंगनबाड़ी कर्मी, पारा शिक्षकों को उचित सुविधाओं के साथ इएसआइ, पीएफ वगैरह का प्रावधान किये जाने की मांग की।
दूसरे राज्यों की तर्ज पर झारखंड में भी दो वर्ष का मातृत्व अवकाश दिया जाये : अम्बा प्रसाद
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को शून्यकाल के जरिये विधायकों ने अपनी मांगें रखीं। कांग्रेस विधायक अम्बा प्रसाद ने केन्द्र और दूसरे राज्यों की तरह यहां भी कामकाजी महिलाओं (विशेषकर सरकारी विभागों में) के लिए दो वर्ष का मातृत्व अवकाश दिये जाने की मांग सरकार से की। शिल्पी नेहा तिर्की ने हाई स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पड़े 10 हजार पद और झारखंड पुलिस के 15 हजार रिक्त पदों पर बहाली की जाने की मांग उठायी।
नेता प्रतिपक्ष ने धरने पर बैठे पूर्व सैनिक और पंचायत स्वयंसेवकों का मामला उठाया
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सदन में राजभवन के सामने धरने पर बैठे पूर्व सैनिक पोदना बलमुचू और पंचायत स्वयंसेवकों का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यह लोग भीषण ठंड में अपनी मांगों को लेकर राजभवन के सामने धरने पर बैठे हैं। लेकिन, सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पूर्व सैनिक के मामले में पूरी जानकारी नहीं है। इसे पता कर मामले का निराकरण करने की कोशिश की जायेगी। पंचायत स्वयंसेवकों के मामले में कहा कि पिछली सरकार ने एक प्रखंड में चार-चार लोगों की बहाली कर ली थी। इसका कोई रिकॉर्ड प्रखंडों में नहीं है। सरकार इन्हें रेगुलराइज करने को लेकर चिन्तन कर रही है।
खरसावां डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति का मामला उठा
विधायक दशरथ गागराई ने विधानसभा में कोल्हान यूनिवर्सिटी के खरसावां डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि नियुक्ति नहीं होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रहा है। विधायक ने कहा कि वह सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं है। सरकार बताये कब तक वहां शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इस पर प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि विभाग ने प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए जेपीएससी को अधियाचना भेज दी है। जल्द ही नियुक्ति होगी।
सदन में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने किया दावा, जल्द आयेगी नयी नियोजन नीति
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि सरकार जल्द ही नयी नियोजन नीति लायेगी। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से सरकार लगातार नियुक्तियां कर रही है। खाली पदों के लिए विज्ञापन भी जारी हो रहा है। सरकार जनहित में कार्य भी कर रही है। सदन में भाजपा विधायकों द्वारा नियोजन नीति के लिए उठाये मसले पर भोक्ता ने कहा कि विपक्ष सरकार द्वारा दी गयीं नौकरियों को अपना ही बता रहा है। यदि ऐसा ही है, तो अपने समय में ही वह नियुक्ति पत्र बांट देता। वे जान-बूझ कर हंगामा कर रहे हैं। सत्ता से बाहर रहने के कारण विपक्ष बौखलाहट में है। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही नयी नियोजन नीति लायेगी। युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे।
नियोजन नीति पर भागती रही सरकार: भानु प्रताप
सदन के बाहर विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि भाजपा ने सदन में युवाओं का विषय उठाया, उनके लिए नियोजन नीति पर सवाल पूछे, लेकिन सरकार भागती नजर आयी। पिछले चार सालों में 800 से भी कम नियुक्तियां इस सरकार में हुई। सरकार के मुताबिक हर साल पांच लाख युवाओं को रोजगार देना था। इस हिसाब से 20 लाख को नौकरी अबतक देनी थी। पारा शिक्षकों को स्थायी नहीं करने की लिखित सूचना सदन में आयी है। सरकार ने अपने कार्यकाल के शुरुआती तीन माह में ही शिक्षकों को नियमित करने की बात कही थी, लेकिन जो सूचना अब सरकार ने दी है, उससे लगता है कि लाखों पारा शिक्षकों की भावनाओं के साथ सरकार ने खिलवाड़ किया।
झारखंड विधानसभा में 8111.77 करोड़ का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को ध्वनिमत से 8111.77 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित हो गया। हालांकि, इस दौरान भाजपा विधायक सदन में अनुपस्थित थे। उन्होंने दो बजे सत्र शुरू होने से पूर्व ही बहिर्गमन कर दिया था। विधायक लंबोदर महतो के कटौती प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी है।
अनुपूरक बजट की जरूरतों को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में रखा। उन्होंने कहा कि लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसकी अनिवार्यता है। अभी झारखंड उन राज्यों में है, जिसने राजकोषीय घाटा कम करने में सफलता हासिल की है। सरकार हर बेघर को आवास देने को अबुआ आवास स्कीम लेकर आयी है। बच्चियों के लिए सावित्री बाई फुले योजना उपयोगी साबित हो रही है। महिलाओं, लड़कियों की सामाजिक स्थिति से भी किसी समाज की पहचान होती है। रामेश्वर उरांव ने सदन को आश्वस्त करते कहा कि द्वितीय अनुपूरक बजट से राज्य की वित्तीय स्थिति पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।