Dumka news : झरखंड की उप राजधानी दुमका के जामा थाना क्षेत्र स्थित बीचकोड़ा गांव में शुक्रवार की रात झोला छाप मुकुंद मंडल ने 35 वर्षीय जियालाल सोरेन की जान ले ली। पेशे से मजदूर जियालाल के चार बच्चे हैं, जो अब अनाथ हो गए हैं। बहरहाल, यह घटना झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है कि आखिर राज्यवासियों को कबतक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएंगी, जो कि उनका मौलिक अधिकार है और कबतक प्रशासन के नाक के नीचे ये नीम हकीम लोगों की जान लेते रहेंगे।
मना करने के बावजूद चढ़ा दी दूसरी बोतल
पेशे से मजदूर जियालालके पैर में दो दिनों से दर्द था। जब शुक्रवार की शाम दर्द ज्यादा बढ़ गया तो चिकनिया में निजी क्लीनिक चलाने वाले मुकुंद मंडल को घर पर बुलाया गया। मुकुंद ने जांच के बाद सोरेन को पहले एक बोतल स्लाइन चढ़ाई। इसके बाद दर्द और बढ़ गया। इधर, घरवालों द्वारा मना करने के बाद भी उसने दूसरी बोतल चढ़ा दी। इसी दौरान जियालाल ने दम तोड़ दिया।
मुकुंद को ग्रामीणों ने दबोचा, किया पुलिस के हवाले
जियालाल के परिजन ने आरोप लगाया कि उसे पैर में दर्द था तो दवा देने की जगह स्लाइन देने की क्या जरूरत थी। पैसा कमाने के चक्कर में उसने उसे दो बोतल स्लाइन चढ़ा दी, जिससे उसकी जान चली गई। इधर, मौत के बाद मुकुंद भागने लगा, जिसे पकड़कर ग्रामीणों ने पिटाई कर दी। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया।