Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update, Jharkhand state agriculture, agriculture minister Badal : झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने केन्द्रीय रासायनिक एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में झारखंड के किसानों की बात रखते हुए कहा कि राज्य में सभी किसानों को उचित कीमत और समय पर खाद उपलब्ध हो सके, उसके लिए साहेबगंज, लोहरदगा और जमशेदपुर अथवा चाईबासा में रैक प्वाइंट का निर्माण अति आवश्यक है। बादल मंगलवार को नेपाल हाउस स्थित कांफ्रेंस हाल में केन्द्रीय मंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात कर रहे थे।
इस कारण फर्टिलाइजर की फ्रेट रेट बढ़ जाती है
बादल ने कहा कि रैक प्वाइंट निर्माण की बात उन्होंने पिछले वर्ष भी रखी थी, लेकिन अभी तक इस विषय पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य एक सेमी हिल एरिया है। जिस वजह से फर्टिलाइजर की फ्रेट रेट काफी ज्यादा बढ़ जाती है और इसका सीधा बोझ यहां के किसानों पर पड़ता है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से अपील की, कि फ्रेट रेट में संशोधन कर झारखंड जैसे सेमी हिल एरिया को राहत दी जाये। वर्तमान में जो फ्रेट रेट है, वह काफी कम है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी राज्य के कई जिले सुखाड़ की चपेट में हैं। अब तक मात्र 38 प्रतिशत ही भूमि पर आच्छादन हुआ है, जबकि औसत से करीब 53 फीसद बारिश कम हुई है। नैनो यूरिया और ऑर्गेनिक फार्मिंग के सम्बन्ध में उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि झारखंड राज्य पूर्व से ही ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर कदम बढ़ा चुका है। साथ ही, नैनो यूरिया का एक नया प्लांट झारखंड में लगाया गया है। श्री बादल ने कहा कि सल्फर कोटेड यूरिया अगर केन्द्र सरकार उपलब्ध कराती है, तो किसानों के बीच उसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।
रैक प्वाइंट के निर्माण को लेकर मंत्री ने किया आश्वस्त
केन्द्रीय मंत्री रासायनिक एवं उर्वरक डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा किसानों के हित में और उन्हें समृद्धि की ओर ले जाने की मांग पर गम्भीरता के साथ कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रदेश में नैनो यूरिया और ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अपनी माटी को सुरक्षित किया जा सके। देश के पास करीब डेढ़ लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर उपलब्ध है। मांग के अनुरूप सभी राज्यों को फर्टिलाइजर उपलब्ध कराया जायेगा। सभी राज्य किसानों को कृषि के लिए जागरूक करें और यह सुनिश्चित करें कि यूरिया का डायवर्सन न हो। अगर राज्य यूरिया पर निर्भरता कम करते हैं, तो इससे बचनेवाली राशि के 50 फीसदी से किसान हित में कई नयी योजनाएं संचालित होंगी। साथ ही, मिट्टी को भी सुरक्षित रख सकेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीकी के अलावा फर्टिलाइजर से जुड़े कई पदाधिकारी उपस्थित थे।