यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से 30 मई को UPSC 2021 के फाइनल परिणाम घोषित कर दिए गए। इसमें झारखंड के बेटा-बेटियों ने अपने टैलेंट का दम जोरदार तरीके से दिखाया है। उनकी कामयाबी का परचम पूरे राज्य को गौरवान्वित करता है। जमशेदपुर के लोयला स्कूल से पढ़ी श्रुति राजलक्ष्मी ने यूपीएससी में 25वां स्थान हासिल किया है। श्रुति ने बीएचयू आइआइटी से 2019 में कप्यूटर साइंस से पास करने के बाद एक वर्ष नौकरी की। फिर स्वयं तैयारी कर यूपीएससी में सफलता प्राप्त की है। पिता आनंद कुमार वकील हैं और मां जिला समाज कल्याण पदाधिकारी हैं। अभी प्रोजेक्ट भवन में हैं। श्रुति ने खुद रांची और दिल्ली में रहकर तैयारी की।
गढ़वा की नम्रता को मिला 73 वां स्थान
रांची के मुकेश कुमार गुप्ता को सिविल सेवा परीक्षा में 499वां रैंक मिला है। गढ़वा जिले के गढ़वा प्रखंड के हूर गांव निवासी विपिन कुमार चौबे की पुत्री नम्रता चौबे सिविल सेवा परीक्षा पास करने में सफल रही हैं। नम्रता को 73 रैंक मिला है। उसके पिता मध्य विद्यालय परिहारा गढ़वा में सरकारी शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। अभी नम्रता दिल्ली में है। स्वजनों के अनुसार वह अगले सोमवार को गढ़वा आएगी। पलामू जिले के पांडु के रहनेवाले कुमार सौरभ ने यूपीएससी परीक्षा में 357वां स्थान प्राप्त किया है।
गिरिडीह के रवि ने पाया 38वां स्थान
गिरिडीह के रहनेवाले रवि कुमार ने सिविल सेवा परीक्षा में 38वां स्थान हासिल किया है। देवघर के चिरंजीव आनंद को सिविल सेवा परीक्षा में 126 रैंक मिला है। लोहरदगा से राकेश रंजन उरांव ने सफलता पाई। राकेश के पिता सेवानिवृत्त बैंक कर्मी, मां चुन्नीलाल उच्च विद्यालय में शिक्षिका हैं। वर्तमान में राकेश ट्राइबल इंस्टिट्यूट रांची में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। पांचवी जेपीएससी में सफलता पाने के बाद वर्तमान में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कर काम रहे।
रामगढ़ की दिव्या को 323 वां रैंक
रामगढ़ के सीसीएल रजरप्पा आवासीय कॉलोनी की रहने वाली दिव्या पांडे ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता अर्जित करते हुए 323 वां रैंक प्राप्त कर लिया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाले सेवानिवृत्त सीसीएल कर्मी जेपी पांडेय की द्वितीय पुत्री दिव्या की प्रारंभिक पढ़ाई डीएवी रजरप्पा से हुई है।