Ranchi Jharkhand latest Hindi news : जब एक महिला को उसके परिवार में निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलेगी, तभी सही मायने में महिला सशक्तीकरण होगा।…और, इसके लिए आवश्यक है कि महिलाओं को परिवारिक सम्पत्ति में हक मिलना चाहिए, ताकि वे वित्तीय रूप से भी सशक्त हों। उक्त बातें कृपानन्द झा, सचिव, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने “वूमन इम्पावरिंग अंडर द ओवरआर्चिंग थीम ऑफ विकसित भारत-रीडिंग द लास्टमाइल” पर वर्चुअल वर्कशॉप को सम्बोधित करते हुए कहीं।
झारखंड सरकार की देखरेख में हुआ आयोजन
बता दें कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखण्ड सरकार के सहयोग से यह आयोजन किया गया।
वर्चुअल वर्कशॉप में महिला सशक्तीकरण के विभिन्न पहलुओं ; यथा वूमन इम्पावरिंग-इकोनाॅमिक इम्पावरमेंट क्रियेटिंग इनएबलिंग इको सिस्टम फाॅर सेफ्टी एंड इम्प्लीमेंटेशन ऑफ सोशल लीगल प्रोविजन फाॅर इम्पावरमेंट पर राज्य स्तर की कार्ययोजना बनाने पर विस्तृत चर्चा की गयी।
वित्तीय व सामाजिक चुनौतियों महिलाओं के लिए बाधक
तकनीकी सत्र में सैपलिंग आईवीएफ सेंटर के प्रबंध निदेशक डाॅ. मिनाल सिंह ने कहा कि जब कोई महिला अपना उद्यम शुरू करती हैं, तो उनको वित्तीय व सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए उन्हें परिवार द्वारा प्रोत्साहन देना चाहिए एवं सहायता करनी चाहिए।
प्रीति श्रीवस्तव, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ, यूनिसेफ द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तीकरण एवं इकोसिस्टम के बारे में बताया, जिसमें उन्होंने कहा कि सशक्तीकरण के लिए सबसे पहले परिवार, समाज को आगे आना चाहिए एवं उसके लिए नीति बननी चाहिए। उन्हें अपने आप को सुरक्षित महसूस करना पड़ेगा। साथ ही, सुरक्षित रहना भी पड़ेगा।
वहीं ज्योति वर्मा, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, तेजस्विनी परियोजना द्वारा जानकारी दी गयी कि तेजस्विनी परियोजना अन्तर्गत किशोरियों एवं युवतियों को सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तीकरण हेतु जीवन कौशल शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शर्म की अवधारणा से स्वच्छता की ओर तेजस्विनी क्लब की किशोरियां एवं युवतियां आगे बढ़ रही हैं, जिसके फलस्वरूप विभिन्न तेजस्विनी क्लबों में पैड बैंक की स्थापना की जा चुकी है। इससे समाज की महिलाएं भी लाभान्वित हो रही हैं।
मनरेगा में महिलाओं की सहभागिता बढ़ी : राजेश्वरी बी
कार्याशाला के समापन पर श्रीमती राजेश्वरी बी, महानिदेशक, राज्य पोषण मिशन झारखण्ड सरकार ने कार्यशाला के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि आज मनरेगा में महिलाओं की सहभागिता बढ़ रही है। यह महिला सशक्तीकरण का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की सहभागिता बढ़ी है, जिसके चलते कई महिला मुखिया बनी हैं। अब ग्राम सभा में भी महिलाओं की सहभागिता बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समेकित बाल कल्याण संस्थान द्वारा बालिकाओं की सुरक्षा एवं उनके बचाव के लिये कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मौके पर ये लोग थे मुख्य रूप से उपस्थित
इस अवसर पर अर्चना मेहता, उप सचिव, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी, राज्य के सभी जिलों के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, विभागीय पदाधिकारी, सभी सहायक निदेशक, यूनिसेफ, स्प्रिंगडल्स स्कूल, नीति न्याय के सहयोगी एवं समाज कल्याण, तेजस्विनी परियोजनान्तर्गत राज्य एवं जिला इकाई के कर्मी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सामुदायिक सेवा प्रदाता एवं महिला सशक्तीकरण में कार्य कर रहे प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।