धनबाद शहर की सड़कों पर बांड रूपी ‘यमराज’ खुल्लम-खुल्ला बिना रोक-टोक घूम रहे हैं। यमराज से लोगों में ख़ौफ है. यमराज जहां पहुंचते हैं, वहां के लोग इधर-उधर भागने लगते हैं। ये यमराज के रूप में सांड हैं। लोग अब इन्हें यमराज कहने भी लगे हैं। धनबाद में दर्जन भर से ज्यादा सांड घूम रहे हैं। एक सप्ताह में एक दर्जन लोगों को घायल कर चुके हैं और नगर निगम को परवाह नहीं है। यमराजों की आवाज 500 मीटर दूर तक गूंजती है। आवाज से ही लोग जान जाते हैं कि वह आसपास ही है। हीरापुर हटिया, पुराना बाजार, मनईटांड़, बरमसिया कम से कम इन चार इलाकों में सांडों ने आतंक मचा रखा है।
महिला का पेट फाड़ा, 42 टांके, सिपाही लहूलुहान
कुछ दिन पूर्व मनईटांड़ के एक बुजुर्ग को सांड ने पटक-पटक कर बुरी तरह घायल कर दिया था। लोगों ने सांड की ओर बिस्किट फेंका, तब सांड बुजुर्ग को मारना छोड़, बिस्किट की ओर लपका। सांड इंसानों के साथ-साथ वाहन पर भी टूट पड़ते हैं। भुक्तभोगी सुनील कुमार का कहना है कि सांडों का आतंक इस कदर फैल गया है कि सांड जिस क्षेत्र में प्रवेश करता है, लोग दूर से ही देख भागने लगते हैं। सुनील कुमार ने बताया कि सांड ने पिछले दिनों उन्हें एक किलोमीटर तक दौड़ाया। पिछले दिनों हीरापुर, हरि मंदिर के समीप एक बुजुर्ग महिला को सांड ने घायल किया। महिला का पेट फट गया. स्थानीय लोगों ने किसी तरह महिला को बचाया। महिला के पेट में 42 टांके लगे हैं। सांड ने रणधीर वर्मा चौक के समीप एक पुलिसकर्मी को लहूलुहान कर दिया।
भूखे हैं, इसलिए आक्रामकता बढ़ गई है
सांडों में आक्रामकता के बारे में लोगों का कहना है कि भूख एक कारण हो सकता है। सरोज कुमार का कहना है कि पहले लोग घरों के बाहर बची हुई रोटी-सब्जी के अलावा अन्य सामान रख देते थे। इसका सेवन सांड या गाय करते थे. लेकिन नगर निगम के द्वारा कचरा गाड़ी चलाने के बाद लोग घर के बाहर खाना नहीं रखते। इससे आवारा जानवरों को भोजन नहीं मिल पाता। कई बार इन्हें भूखे रहना पड़ता है और समय-समय पर ये आक्रामक हो उठते हैं। पशुपालन विभाग के डॉ प्रवीण सिंह भी मानते हैं कि सांडों में आक्रामकता भूख के कारण भी आती है।