झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन यानी झारखंड लोक सेवा आयोग ने छठी जेपीएससी का संशोधित रिजल्ट 11 मार्च को जारी कर दिया। 326 अभ्यर्थियों के रिजल्ट जारी किए गए हैं। इसमें करीब 60 अभ्यर्थी ऐसे हैं जो पहली बार इसमें शामिल हुए हैं, जबकि पिछले रिजल्ट से 60 अभ्यर्थी जो अधिकारी बन गए थे, वे मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए हैं। अब उनकी सेवा समाप्त करने के लिए जेपीएससी कार्मिक विभाग को अनुशंसा करेगा, जिसके बाद उन्हें सेवा से हटाया जाएगा। आयोग ने हाईकोर्ट के निर्देश के बाद छठी जेपीएससी का संशोधित रिजल्ट जारी किया है।
हर सेवा का अलग-अलग कटऑफ जारी
छठी जेपीएससी के संशोधित रिजल्ट में हर सेवा में हर वर्ग का अलग-अलग कट ऑफ मॉर्क्स निर्धारित किया गया है, जबकि पूर्व के रिजल्ट में हर वर्ग का अलग-अलग कट ऑफ निर्धारित किया गया था। संशोधित रिजल्ट में झारखंड प्रशासनिक सेवा में सामान्य वर्ग का कट ऑफ मार्क्स 575 अंक, अनुसूचित जनजाति का 499 अंक, अनुसूचित जाति का 522 अंक, अत्यंत पिछड़ा का 547 अंक रखा गया है। वहीं, झारखंड वित्त सेवा में सामान्य वर्ग का 555 अंक, एसटी का 472 अंक, एससी का 497 अंक, अत्यंत पिछड़ा का 534 अंक रखा गया है। झारखंड शिक्षा सेवा में सामान्य वर्ग का 557 अंक, एसटी का 478 अंक, एससी का 497 अंक कट ऑफ रखा गया है। झारखंड शिक्षा सेवा में सामान्य वर्ग का 557 अंक, एसटी का 478 अंक, एससी का 497 अंक कट ऑफ रखा गया है। वहीं, झारखंड सहकारी सेवा में सामान्य वर्ग का 554 अंक, एसटी का 471 अंक, एससी का 495 अंक व अंत्यंत पिछड़ा का 534 अंक कट ऑफ निर्धारित किया गया है। झारखंड सामाजिक सुरक्षा सेवा में सामान्य वर्ग का 551 अंक, एसटी का 469 अंक, झारखंड सूचना सेवा में सामान्य वर्ग का 551 अंक, एससी का 495 अंक कट ऑफ रखा गया है। वहीं, झारखंड पुलिस सेवा में सामान्य वर्ग का 628 अंक, एससी का 544 अंक, पिछड़ा वर्ग का 575 अंक कट ऑफ तय किया गया है, जबकि झारखंड योजना सेवा में सामान्य वर्ग का 545 अंक, एसटी का 457 अंक, एससी का 489 अंक, अत्यंत पिछड़ा का 532 अंक और पिछड़ा वर्ग का 572 अंक कट ऑफ निर्धारित किया गया है। इसके अलावा झारखंड प्रशासनिक सेवा में दिव्यांग कोटि में सामान्य वर्ग के लिए 513 अंक और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 499 अंक कट ऑफ तय किया गया है।
पिछली बार का कटऑफ
छठी जेपीएससी के पिछले मेरिट लिस्ट में वर्ग वार कट ऑफ मॉर्क्स जारी हुआ था। उस समय सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ मार्क्स 600 अंक, अत्यंत पिछड़ा के लिए 524 नंबर, पिछड़ा वर्ग के लिए 621 अंक, अनुसूचित जाति के लिए 538 अंक और अनुसूचित जनजाति के लिए 524 अंक कट ऑफ मार्क्स रहा था। इसके बाद अत्यंत पिछड़ा वर्ग के कट ऑफ में संशोधन करते हुए उसे कम किया गया था।