Bihar (बिहार) में नीतीश सरकार दो कामों में अधिक सक्रिय दिख रही है। एक भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने में और दूसरी नयी बहालियां करने में। विकास के काम में तेजी और शराबबंदी पर सीएम नीतीश की सख्ती तो जगजाहिर है। शिक्षकों की बहाली के मामले में सरकार व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रही है। इस बीच बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि एक महीने में राज्य में 41 हजार शिक्षकों की बहाली हुई है। निकट भविष्य में 50 हजार और शिक्षकों की बहाली होगी। इसके अलावा प्राथमिक स्कूलों के लिए 40 हजार से अधिक प्रधान शिक्षक और हाईस्कूल के लिए 6412 हेडमास्टर की बहाली होगी। 3500 पदों पर शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशकों की नियुक्ति की जाएगी। मंत्री ने कहा कि यह अंतिम नियुक्ति नहीं है। राज्य में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है और यह लगातार आगे भी जारी रहेगी।
मेरिट लिस्ट के आधार पर होगी बहाली
10 मार्च को विधानसभा में शिक्षा विभाग का बजट पेश करते हुए मंत्री ने कहा कि टीईटी और एसटीईटी एक पात्रता परीक्षा है। इस परीक्षा के पास करने का यह अर्थ नहीं है कि सबों को नौकरी मिल जाएगी। विपक्ष इस मसले पर अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहा है। जब भी रिक्तियां निकलेंगी, टीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी आवेदन करेंगे और मेरिट लिस्ट के आधार पर उनकी नियुक्ति की जाएगी। शैक्षिक सत्र 2022-23 की भावी कार्ययोजना पर मंत्री ने कहा कि सभी प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक और प्राचार्य की नियुक्ति बीपीएससी से कर ली जाएगी।
कस्तूरबा गांधी विद्यालय में व्यावसायिक शिक्षा की भी होगी पढ़ाई
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालय को ग्रेड-12 तक विस्तारित किया जाएगा और स्मार्ट क्लास रूम और व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई होगी। सभी विद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं व आगामी आवश्यकताओं का विश्लेषण कर प्राथमिकता निर्धारित करते हुए आधारभूत संरचना अगले चार वर्षों में उपलब्ध कराने की योजना है। आगामी चार वर्षों में सभी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को स्मार्ट क्लास रूम से आच्छादित किया जाएगा।