हत्या के एक मामले में राजस्थान पुलिस को 28 वर्षों के बाद अभियुक्त को पकड़ने में सफलता हासिल हुई है। यह मामला उदयपुर जिला अंतर्गत जावरमाइंस थानाक्षेत्र का है। उदयपुर के एसपी ने कुछ महीने पूर्व पुराने मामलों को तेजी से निपटाने और फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का एक आदेश जारी किया था। इसी आदेश के आलोक में जावर माइंस थाने की पुलिस ने हत्याकांड में फरार चल रहे हैं अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही शुरू की। इस क्रम में पुलिस ने हत्याकांड के अभियुक्त की जानकारी जुटाते हुए नोएडा से उसे 28 वर्षों के बाद चौकीदारी करते हुए गिरफ्तार किया है। अभियुक्त अपना नाम और पता बदल कर नोएडा में गार्ड का काम कर रहा था।
साले के साथ मिलकर की थी भतीजे की हत्या
हत्या की वारदात 28 साल पहले जावरमाइंस थाना क्षेत्र के बाबरमाल खदान क्षेत्र का है। मुख्य अभियुक्त रणविजय सिंह ने अपने साले विपिन के साथ मिलकर अपने ही भतीजे समीर की हत्या कर दी थी। किसी को शक ना हो कि समीर की हत्या की गई है। इसलिए उसने कमरे में बारूद से ब्लास्ट कर घरवालों को और पुलिस को बताया था कि ब्लास्ट होने से उसके भतीजे समीर की मौत हो गई है। जब तक इस मामले की सच्चाई सामने आती तब तक मुख्य अभियुक्त अपने साले के साथ फरार हो गया।
अपनी पत्नी के साथ संदिग्ध अवस्था में देखने के बाद चाचा ने बनाया भतीजी की हत्या करने का प्लान
मामले का उद्भेदन करने वाली पुलिस ने बताया कि दरअसल, रणविजय ने अपनी पत्नी के साथ मृतक समीर को संदिग्ध अवस्था में देख लिया था। इसके बाद उसने समीर की हत्या की योजना बनाई थी। मामले की जानकारी देते हुए थानाधिकारी बाबूलाल मुरारिया ने मीडिया को बताया कि मुखबिर से मुख्य अभियुक्त के नोएडा में होने की जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि सह अभियुक्त विपिन सिंह ट्रक चलाता था और शराब पीने का आदी था। इसके चलते किडनी खराब होने से उसकी मृत्यु हो गई थी। मुख्य अभियुक्त रणविजय सिंह अपना नाम बदल कर राणा पवन सिंह के नाम से शील्ड सिक्योरिटी कम्पनी के मार्फत नोयडा सेक्टर-5 में गार्ड की नौकरी कर रहा था। उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि हत्या करने के इतने दिनों बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले। फिलहाल पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।