New Delhi news : शुक्रवार की रात लगभग 1 बजे लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास श्योक नदी का जलस्तर बढ़ने से सेना के 5 जवान शहीद हो गए। इनमें एक जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर (जेसीओ) भी थे। हादसे की जानकारी जानकारी शनिवार (29 जून) को सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, सेना के जवान मिलिट्री एक्सरसाइज के बाद देर रात T-72 टैंक से लौट रहे थे। मिलिट्री टैंक ईस्टर्न लद्दाख के सासेर ब्रांगसा में श्योक नदी पार कर रहा था, तभी पानी का लेवल अचानक बढ़ गया। लेह की फायर एंड फ्यूरी 14 कॉर्प्स के मुताबिक, हादसा एलएसी के चुशूल से 148 किलोमीटर दूर मंदिर मोड़ के पास हुआ।
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तेज बहाव के कारण नहीं बचाये जा सके जवान
रेस्क्यू टीमें मौके पहुंची, लेकिन नदी में तेज बहाव और जलस्तर के कारण जवानों को बचाया नहीं जा सका। पांचों जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जवानों की पहचान रिसालदार एमआर के रेड्डी, दफादार भूपेंद्र नेगी, लांस दफादार अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान और नागराज पी के रूप में हुई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताया है।
टी-72 में तीन लोगों के बैठने की जगह, 5 जवान बैठे थे
आमतौर पर इस टैंक पर कमांडर, एक गनर और एक ड्राइवर होता है। प्रैक्टिस के दौरान इसमें 5 जवान सवार थे। रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि नदी के ऊपरी इलाके में बारिश के चलते पानी बढ़ गया। रात होने के चलते जवानों को इसका पता नहीं चल सका। टी-72 टैंक 5 मीटर (16.4 फीट) गहरी नदियों को पार करने की क्षमता रखता है। यह एक छोटे डायामीटर वाले स्नॉर्कल की मदद से नदी पार करता है। इमरजेंसी के लिए इस पर सवार क्रू के सभी सदस्यों के रीब्रीदर दिया जाता है।