Good news for Sex Workers. यौन कर्मियों के लिए खुशखबरी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि वह नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन यानी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) द्वारा दिए जाने वाले प्रमाण-पत्र के आधार पर सेक्स वर्कर को आधार कार्ड (Aadhaar Card) जारी करेगा। इसके लिए किसी दूसरे आवासीय प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं होगी।
गजटेड अधिकारी की ओर से दिया गया प्रमाण पत्र होगा मान्य
बता दें कि UIDAI एक वैधानिक प्राधिकरण है। यह आवेदक के नाम, लिंग, आयु और पते के साथ-साथ वैकल्पिक डेटा जैसे ई-मेल या मोबाइल नंबर शामिल करने के अनिवार्य विवरण एकत्र करने के बाद आधार कार्ड जारी करता है। यह महत्वपूर्ण है कि प्राधिकरण ने यौनकर्मियों (Sex workers) के मामले में आवासीय प्रमाण नहीं मांगने का फैसला किया है। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के किसी गैजेटेड अधिकारी द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र के आधार पर ही यौन कर्मियों का आधार कार्ड बनाया जाएगा।
कोर्ट के सामने रखा गया सर्टिफिकेट का प्रस्तावित प्रोफार्मा
इस संदर्भ में UIDAI ने 1 मार्च को सर्टिफिकेट का एक प्रस्तावित प्रोफार्मा (Proposed Proforma) शीर्ष अदालत के समक्ष तब रखा, जब इस मामले पर न्यायमूर्ति एलएन राव पूरे भारत में यौनकर्मियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इस याचिका में उन लोगों लिए पुनर्वास योजना तैयार करने का मुद्दा भी शामिल है, जो देह व्यापार से बाहर निकलना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में साल 2011 से सुनवाई कर रहा है।