National News: बुधवार को दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से कृषि शिक्षा में सुधार संबंधी विभिन्न मॉंगे जैसे; नए शैक्षणिक संस्थान खोलने, वर्तमान में मौजूद कृषि शिक्षण संस्थानों के बुनियादी ढांचे में सुधार, कृषि शिक्षा के मानकों में सुधार आदि मांगे रखीं गई। इसकी जानकारी झारखंड प्रदेश मीडिया संयोजक दुर्गेश यादव ने दी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिवराज सिंह चौहान के समक्ष कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए शीघ्रता से प्रयास करने, कृषि विषय की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप अवसरों का सृजन, कृषि उच्च शिक्षा के मानकों में एकरूपता लाने, कृषि उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने जैसे बिंदु रखें हैं।
बड़ी आबादी की आजीविका का साधन है कृषि: याज्ञवल्क्य शुक्ल
राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि देश का कृषि क्षेत्र बड़ी आबादी की आजीविका का साधन है। देश में कृषि शिक्षा में शीघ्रता से सुधार, कृषि शिक्षा के लिए सभी राज्यों में उच्च गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक संस्थानों का निर्माण जैसे विभिन्न प्रयासों की आवश्यकताओं के विषय में केन्द्रीय कृषि मंत्री को अवगत कराया गया है। इस बात की उम्मीद है कि इन विषयों पर शीघ्रता से सुधारात्मक प्रयास की जाएगी।
मातृभाषा में हो कृषि पाठ्यक्रम का अनुवाद: शिवांगी
अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कृषि एवं इससे संबंधित उप-क्षेत्रों जैसे बागवानी, डेयरी प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रौद्योगिकी, मत्स्य पालन, जैव प्रौद्योगिकी, कृषि इंजीनियरिंग, रेशम उत्पादन आदि विषयों के पाठ्यक्रम को विभिन्न मातृभाषा में अनुवाद करने हेतु विषय विशेषज्ञों की समितियों के त्वरित गठन करने की आवश्यकता है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री वीरेन्द्र सोलंकी, राहुल राणा, बुद्धदेव बाघ, शालिनी वर्मा, अंकित शुक्ल, श्रवण बी राज, अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री तथा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष तुषार डेढ़ा भी शमिल थे।