National News Update, Mumbai, RBI Cancelled Licence Of UP coperative Bank : भारतीय बैंकों के बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ग्राहकों के निवेश की सुरक्षा करता है। इश्क नियमों और गाइडलाइन के अनुसार ही बैंकों को काम करना होता है यदि इसमें कोई कमी होती है तो आरबीआई कठोर से कठोर कार्रवाई करता है। पिछले कुछ दिनों में कई बैंकों पर आरबीआई ने कार्रवाई की है अब इस कड़ी में यूपी का कोऑपरेटिव यानी सहकारी बैंक भी शामिल हो गया है। आरबीआई ने यूपी के नगीना के बिजनौर के यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है।
बैंक न पैसा ले सकता है, न दे सकता है
आरबीआई ने इसके लिए को-ऑपरेटिव कमिश्नर और रजिस्ट्रार को बैंक बंद करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं इसके साथ ही एक लिक्विडेटर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से अपॉइंट करने का ऑर्डर दिया है।
यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का बैंकिंग बिजनेस 19 जुलाई 2023 से बंद हो गया है। अब बैंक को न तो पैसे जमा करने की परमिशन है और न ही पैसे देने की परमिशन है।
बैंक के पास कमाई की कैपेसिटी नहीं
आरबीआई की तरफ से बताया गया है कि बैंक के पास पर्याप्त पैसे और कमाई की कैपेसिटी नहीं है। आरबीआई की तरफ से बताया गया है कि बैंक धारा 22 (3) (ए), 22 (3) बी, 22 (3) सी, 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की जरूरतों का पालन करने में विफल रही है। केंद्रीय बैंक की तरफ से कहा गया है कि इसी वजह से यह निर्णय लिया गया है।
5 लाख रुपए निकाल सकते हैं ग्राहक
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार बैंक को उसके जमाकर्ताओं और कस्टमर्स के हितों के लिए हानि कारक बताया गया था। बैंक के बारे में यह कहा गया है कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से जमाकर्ताओं को पूरा पैसा देने में असमर्थ है। हर जमाकर्ता नियमों के अधीन डिपॉजिट और क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन से 5 लाख रु तक की राशि ले सकेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैंकों में जमा प्रत्येक अकाउंट होल्डर की 5 लाख रु तक की जमा राशि का बीमा डीआईसीजीसी द्वारा किया जाता है।