बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह की तृणमूल कांग्रेस में वापसी के बाद प्रदेश भाजपा ने बैरकपुर में पार्टी संगठन की कमान शुभेंदु अधिकारी को सौंप दिया है। आगामी 25 मई को यहां संगठन की बैठक होनी है, जिसका नेतृत्व शुभेंदु करेंगे। इस बैठक में ताजा हालात पर विस्तृत चर्चा होगी। माना जा रहा है कि अर्जुन सिंह की तृणमूल में वापसी के बाद भारतीय जनता पार्टी उत्तर 24 परगना और खासकर बैरकपुर संसदीय क्षेत्र में लगभग शून्य हो गई है।
दो साल बाद होना है लोकसभा चुनाव
दो सालों बाद लोकसभा का चुनाव होना है और आशंका है कि भाजपा के पाले की यह सीट अब तृणमूल की झोली में खिसक सकती है। सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, बंगाल भाजपा के प्रभारी अमित मालवीय, सांगठनिक महासचिव अमिताभ चक्रवर्ती और दिलीप घोष की मौजूदगी में अहम सांगठनिक बैठक हुई है। इसमें बैरकपुर सांगठनिक जिले का प्रभार शुभेंदु अधिकारी को सौंप दिया गया है। हालांकि इसे लेकर भी प्रदेश भाजपा में कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
हर जगह भाजपा को मिल रही असफलता
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव और उसके बाद आसनसोल लोकसभा चुनाव में भी कई क्षेत्रों की जिम्मेवारी शुभेंदु अधिकारी को दी गई थी, लेकिन हर जगह भाजपा को विफलता मिली है। अब अर्जुन के जाने के बाद बैरकपुर का दायित्व शुभेंदु को दिए जाने को लेकर भी एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं।
अर्जुन के पाला बदल को लेकर अनुपम हाजरा ने कहा : पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं, आत्ममंथन की जरूरत
बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह के भाजपा छोड़कर तृणमूल ने वापसी के बाद तृणमूल से भाजपा में आए एक और नेता अनुपम हाजरा ने पार्टी को आत्ममंथन की नसीहत दी है। सोमवार को उन्होंने कहा कि हमें अपने गिरेबान में झांक कर अपनी कमियों को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए ना कि इस तरह से दिखावा करना चाहिए कि सब कुछ ठीक है। हाजरा ने ट्विटर पर लिखा कि अगर कोई पार्टी छोड़ता है, और आप यह कहते रहते हैं कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा तो यह सही तरीका नहीं है। हमें स्वीकार करना होगा कि इसका असर होगा और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि लोग (भाजपा) क्यों छोड़ रहे हैं।
5 विधायक व एक सांसद कर चुके हैं टीएमसी में वापसी
उन्होंने लिखा कि ऐसे समय में जब पार्टी नगरपालिका चुनाव जीतने में भी विफल रही है तब बड़े पदों पर बैठे नेताओं के नाता तोड़ने की वजहों के बारे में पड़ताल करने की जरूरत है। उन्होंने आगे लिखा कि हमें वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए। इसकी अवहेलना करने से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होगा। यह दृष्टिकोण कि ”सब ठीक है” सही नहीं है।
राज्य भाजपा इकाई ने अभी तक हाजरा की टिप्पणी का जवाब नहीं दिया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय सहित पांच विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में वापसी के बाद अर्जुन सिंह का पार्टी छोड़ना प्रदेश भाजपा के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। इसके अलावा विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए राजीव बनर्जी और सब्यसाची दत्त जैसे तृणमूल के कई वरिष्ठ नेता भी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल में लौट आए हैं।