पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी ने गिरफ्तारी के बाद पहली बार अपना मुंह खोला है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करने के दौरान कहां की उनके खिलाफ गहरी साजिश रची गई है। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है। मालूम होगी तृणमूल कांग्रेस ने गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने के साथ-साथ पार्टी और विभिन्न प्रकोष्ठ से भी उन्हें हटा दिया है।
ईडी ने करवाई पार्थ की स्वास्थ्य जांच
ईडी के अधिकारी पार्थ चटर्जी लेकर शुक्रवार को डॉक्टरी जांच के लिए जोका ईएसआई अस्पताल पहुंचे थे। इससे पहले थोड़ी देर के लिए उनकी गाड़ी फ्लाईओवर पर रुकी थी। वहां मीडिया कर्मियों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और उनसे मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाए जाने को लेकर सवाल पूछा, लेकिन वह कुछ भी नहीं बोले। बाद में जोका ईएसआई अस्पताल पहुंचने पर एक बार फिर पत्रकारों ने उनसे वही सवाल पूछा। इस पर उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची गई है। मुझे फंसा दिया गया। इसके बाद वह व्हीलचेयर पर बैठकर अस्पताल के अंदर जांच के लिए चले गए।
पार्थ चटर्जी के बयान से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी
बता दें कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इन छह दिन तक वह कुछ भी नहीं बोले। इसी बीच एक दिन पहले जब उन्हें मंत्रिमंडल और तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया गया है। ऐसे में पार्थ का साजिश में फंसाने वाला बयान अपने आप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसलिए पार्थ के बयान को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं।
मिथुन चक्रवर्ती ने एक दिन पहले कहा था, बरामद किए गए रुपए किसी और के हैं
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता मिथुन चक्रवर्ती ने दावा किया है कि पार्थ और अर्पिता के संयुक्त मालिकाने वाले मकानों से बरामद रुपये और गहने आदि की केवल देखरेख दोनों करते थे। दरअसल, यह संपत्ति किसी और की है। उनका इशारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की ओर था। पार्थ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव थे, जो पार्टी का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है।