Global news, International news, After the setbacks with India, Maldives President Muizzoo now wants to improve relations, know why, Maldeev news, Maldives president, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : मालदीव की मौजूदा सरकार अब इस दिशा में काम कर रही है कि कैसे भारत के साथ अपने संबंधों को फिर से ठीक किया जाए। भारत का बकाया मालदीव को समय रहते चुकाना है। वरना कर्ज का बोझ बढ़ता ही चला जाएगा। मालदीव के पास कर्ज वाली फाइल पहुंची तो मुइज्जू ये देख कर हैरान हो गए कि इस कर्ज को चुकाएंगे कैसे? इन सब के बीच पूर्व राष्ट्रपति की तरफ से मोहम्मद मुइज्जू के लिए सलाह भी पहुंच गई। मुइज्जू के लिए पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़कर आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए पड़ोसी भारत से बात करनी चाहिए।
दुनिया में चीन समर्थक नेता माना रहा है मुइज्जू को
पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई जब मुइज्जू को दुनियाभर में चीन समर्थक नेता के तौर पर देखा जा रहा है। वह चीन से भारी भरकम कर्ज लेने की तैयारी में हैं। इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने भारत से मालदीव को कुछ कर्ज चुकाने किए राहत देने की अपील भी की है। सोलेह ने आगे कहा कि मैंने मीडिया रिपोर्ट में देखा है जिससे पता चलता है कि मुइज्जू कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए भारत से बात करना चाहते हैं।
प्रेजिडेंट मोहम्मद मुइज्जू का नरम रुख आया सामने
भारत विरोधी बयानबाजी के बाद मालदीव के प्रेजिडेंट मोहम्मद मुइज्जू का नरम रुख सामने आया है। उन्होंने अचानक अपने तेवर बदलते हुए कहा कि भारत मालदीव का निकटतम सहयोगी बना रहेगा। एक न्यूज पोर्टल के साथ इंटरव्यू में मुइज्जू ने भारत से कर्ज में राहत की मांग की। दरअसल, मालदीव के राष्ट्रपति के टेबल पर जैसे ही कर्ज वाली फाइल पहुंची थी, मुइज्जू की अकड़ ढीली हो गई और बैठकों का दौर शुरू हो गया।
मालदीव पर भारत का 400.9 मिलियन डॉलर बकाया
मालदीव पर भारत का करीब 400.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर बकाया था। पिछले साल नवंबर में प्रेजिडेंट पद की शपथ लेने के बाद से चीन समर्थक मुइज्जू ने भारत के प्रति सख्त रुख अपनाया है। खासकर, इस दौरान वह भारतीय सैन्य कर्मियों को उनके देश से भारत वापस भेजने को लेकर काफी सख्त दिखे हैं। हमें जो स्थितियां विरासत में मिली हैं, वे ऐसी हैं कि भारत से बहुत बड़ा कर्ज लिया गया है। हम इन कर्ज की वापसी में उदारता चाहते हैं। मुझे मालदीव-भारत संबंधों पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव का कोई कारण नहीं दिखता।