After the survey, WHO acknowledged that pulses, rice, vegetables and ghee are the best diet in the world, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : डब्ल्यूएचओ (World Health organisation) द्वारा पिछले दिनों पूरी दुनिया में खाने पर एक सर्वे किया गया। इसका उद्देश्य ये जानना था की पूरी दुनिया में सबसे अच्छा खाना क्या है? और वह किस देश का है। इसके लिए उसे 3 कसौटियों पर खरा उतरना था। पहला की वह बनाने में आसान हो। दूसरा उसमे एक इंसान के लिए सभी जरूरी तत्व हों और तीसरा खाने में स्वाद हो।
हर कसौटी में खरा उतरा भारतीय चावल और दाल
Who की टीम पूरे दुनिया घूमती है और ये देखती है की दुनिया में सबसे आसानी से बनाने वाला खाना क्या है और उस देश के लोग उसे कितना खाते हैं। इसमें उन्हें एक खाना मिला, वह था दाल और चावल। WHO की टीम ने देखा की भारत के हर स्टेट में दाल और चावल बेहद वृहद रूप से बनाया औरखाया जाता है। कहीं साभार, कही दाल तो कहीं दालमा। दूसरी कसौटी आतीं है की बनाने में आसान हो। इसमें भी डाल को चावल को सेलेक्ट किया गया। टीम जानकर हैरान थी कि चावल को मात्र पानी डालकर बनाया जाता है और दाल में हल्दी और नमक। अब तीसरी कसौटी खाने में टेस्ट हो। जब टीम ने गर्म – गर्म दाल- चावल और ऊपर से देसी घी का स्वाद चखा तो पहला निवाला खाते हो सब मस्त हो गए।
इस कारण किया गया था सर्वेक्षण
अब चौथी कसौटी की पोषण हो। इसके लिए दाल और चावल के सैंपल को WHO की टीम अपने साथ ले गई। इसके परीक्षण के बाद पता चला कि दाल में फाइबर, प्रोटीन आयरन और जरूरी मिनरल प्रचुर मात्रा में विद्यमान हैं।
Antibiotic और आयोडीन की कमी हल्दी और नमक से पूरी हो रही थी। चावल में कार्बोहाइड्रेट और अन्य तरह के विटामिन मौजूद पाए गए।
अंत में निष्कर्ष निकला की भारतीय दाल-चावल, सब्जी और अगर उसके साथ सलाद और घी हो तो ये दुनिया के सबसे बेहतरीन खाने में से एक है। यह ऐसा खाना है, जिससे किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है। बाद में पता चला की इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य इस खाने को लेके ये पता करना था की यदि अमेरिका और यूरोप में युद्ध की स्थिति हो तो सबसे सस्ता और सबसे कम समय में तैयार होने वाला पौष्टिक खाना क्या है, जिसे महीनों खाया जाए तो भी मन ना भरे। वास्तव में दाल-चावल जितना सिंपल है उतना ही बेहतर। लेकिन हम लोग इसे छोड़ pizza burger खाते हैं। दाल- चावल का खर्चा भी काफी कम होता है।
नोट : यह जानकारी अविनाश तिरंगा के फेसबुक वाल से ली गई है।