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पश्चिम बंगाल के बाद केरल में आया मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला, अमेरिका से लौटे शख्स अस्पताल में चल रहा है इलाज

पश्चिम बंगाल के बाद केरल में आया मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला, अमेरिका से लौटे शख्स अस्पताल में चल रहा है इलाज

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कई देशों में तबाही मचाने वाली नई बीमारी मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला अब केरल में भी मिला है। इसके पहले पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भी मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला मिला था। वह शख्स यूरोप के किसी देश से कोलकाता आया था। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने उसका सैंपल जांच के लिए पुणे लैबोरेट्री में भेज दिया था।

केरल में यूएई से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मीडिया को बताया कि मरीज के नमूने एकत्रित किए गए हैं और जांच के लिए पूणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि जांच के नतीजे मिलने के बाद ही मंकीपॉक्स की पुष्टि की जा सकेगी।

क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स संक्रमण का संक्रमण होने से लक्षणों की शुरुआत तक आमतौर पर 6 से 13 दिनों का होता है। हालांकि कुछ लोगों में यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी का अनुभव हो सकता है। लिम्फ नोड्स की सूजन की समस्या को सबसे आम लक्षण माना जाता है। मरीज के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं। कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स से मौत के मामले 11 फीसदी तक हो सकते हैं। संक्रमण के छोटे बच्चों में मौत का खतरा अधिक रहता है।

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