AICTE launches scholarship scheme for BBA, BCA and BMS students on Women’s Day, education news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं के लिए नयी छात्रवृत्ति योजना घोषित की। इसके तहत इसके तहत प्रत्येक पात्र मेधावी छात्रा को सालाना 25 हजार रुपये दिये जायेंगे।
प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने इस योजना की घोषणा की
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने इस योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि परिषद ने एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में पढ़ने वाली यूजी प्रबंधन व कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीबीए/बीसीए/बीएमएस) छात्राओं के लिए एक नयी छात्रवृत्ति योजना लांच की है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की प्रत्येक पात्र मेधावी छात्रा को सालाना 25 हजार रुपये दिये जायेंगे। देश भर के एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों से कुल 3 हजार पात्र छात्राओं को यह छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना पर परिषद तीन साल तक सालाना 7.5 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
हमारे पास प्रगति योजना पहले से ही है
प्रो. सीताराम ने कहा कि एआईसीटीई महिलाओं को सशक्त बनाने एवं तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा में उनकी पूरी क्षमता को निखारने के लिए काम कर रहा है। इंजीनियरिंग की छात्राओं के लिए हमारे पास प्रगति योजना पहले से ही है। चूंकि बीबीए, बीसीए और बीएमएस पाठ्यक्रम इस वर्ष से ही एआईसीटीई के दायरे में आये हैं, इसलिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, सस्ती शिक्षा देने और प्रबंधन शिक्षा में लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए यह विशेष योजना शुरू की है। एआईसीटीई समावेशी वातावरण को बढ़ावा देता है जहां महिलाएं आगे बढ़ सकें और इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकें।
एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में छात्राओं के नामांकन बढ़े
एआईसीटीई के अध्यक्ष ने कहा कि हाल के वर्षों में एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों में छात्राओं के नामांकन बढ़े हैं। वर्ष 2022-23 में 39 प्रतिशत छात्राओं ने एडमिशन लिया है जबकि वर्ष 2020-21 में यह 30 प्रतिशत और 2021-22 में यह 36 प्रतिशत था। इंजीनियरिंग डिप्लोमा और स्नातक पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाली छात्राओं की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2022-23 में 29 प्रतिशत महिलाओं ने इंजीनियरिंग डिप्लोमा और 44 प्रतिशत ने इंजीनियरिंग स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन लिया। वर्ष 2019-20 में इंजीनियरिंग स्नातक में महिलाओं का नामांकन 29 प्रतिशत था जो लगातार दो वर्षों में बढ़ कर 31 प्रतिशत और 40 प्रतिशत हो गया है।