Really it is alarming. वास्तव में यह खतरे की घंटी है। हमें चेताती है। साल 2021 की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 50 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में केवल भारत के ही 35 शहर शामिल हैं। भारत की राजधानी दिल्ली लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही। भारत का वार्षिक औसत PM2.5 स्तर 2021 में 58.1 μg / m3 तक पहुंच गया, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार के तीन साल के प्रयास विफल हो गए। भारत का वार्षिक PM2.5 औसत अब 2019 में मापे गए पूर्व स्तर पर वापस आ गया है।
इंडिया का कोई भी शहर 2021 में WHO के मानकों पर खरा नहीं उतरा
चिंताजनक रूप से 2021 में भारत के शहरों में से कोई भी 5 μg / m3 के निर्धारित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों को पूरा नहीं कर पाया। भारत के 48% शहर 50 μg/m3 से अधिक या WHO के दिशानिर्देशों के 10 गुना से अधिक हैं।
दिल्ली लगातार चौथे साल दुनिया की सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी
रिपोर्ट में लगातार चौथे वर्ष नयी दिल्ली को दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी शहर (और चौथा सबसे प्रदूषित शहर) के रूप में दर्शाया गया है। इसके बाद बांग्लादेश में ढाका, चाड में एन’जामेना, ताजिकिस्तान में दुशांबे और ओमान में मस्कट का स्थान है। नयी दिल्ली में 2021 में PM2.5 में 14.6% की वृद्धि देखी गई, जो 2020 में 84 μg / m3 से बढ़कर 96.4 μg / m3 हो गई।
यह report सरकारों और निगमों के लिए एक वेक अप कॉल
ग्रीनपीस इंडिया के अभियान प्रबंधक अविनाश चंचल ने IQAIR के ताजा आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सरकारों और निगमों के लिए एक वेकअप कॉल है। यह एक बार फिर उजागर कर रहा है कि लोग खतरनाक प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। शहरी PM2.5 स्तर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण का बड़ा योगदान है। भारत में वाहनों की वार्षिक बिक्री बढ़ने की उम्मीद के साथ यदि समय पर सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो यह निश्चित रूप से वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला है।