अगर इरादे बुलंद हो और इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कठिन से कठिन काम भी आसान हो जाता है। इस बात को चरितार्थ किया है पश्चिम बंगाल के युवक प्रसनजीत पाल। ने। प्रसन्नजीत की बड़ी इच्छा थी कि वह हावड़ा से बाइक चलाकर लद्दाख जाए। लेकिन उनकी बाइक चलाने की इच्छा उनकी जेब पर कुछ ज्यादा ही भारी पड़ रही थी, इसलिए वह हावड़ा से लद्दाख की दूरी को पैदल ही नापने चल दिए।
बाइक से दार्जिलिंग और सिक्किम जा चुके हैं
प्रसन्नजीत का घर हुगली जिला के चंदननगर नगरपालिका के वार्ड नंबर 27 के गौरहाटी एंगस में है। वह ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी में काम करते हैं। बाइक चलाना उनका शौक है। काम की वजह से उन्हें दिन भर बाइक चलानी पड़ती है। वह बाइक से दार्जिलिंग, सिक्किम के गुरुदंगमार जा चुके हैं। इस बार वह लद्दाख जाना चाहता था। उनका कहना है कि वह बाइक की तेल का खर्च नहीं उठा सकते। इसलिए उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए ढाई हजार किलोमीटर पैदल चलने का फैसला किया है। उन्होंने मंगलवार सुबह हावड़ा ब्रिज से अपनी यात्रा शुरू की। करीब 90 दिन बाद प्रसन्नजीत लद्दाख पहुंचेंगे।