Nature (कुदरत) की खूबसूरत गोदी में कभी-कभार भयंकर घटनाएं भी घट जाती हैं।इन्हें सिर्फ कुदरत के करिश्मे के रूप में ही नहीं देखा जा सकता। इनका वैज्ञानिक पहलू भी महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक स्टडी मिल रही अंतरराष्ट्रीय जानकारी बता रही है कि सूरज (Sun) पर हलचलें बढ़ने के कारण धरती (Earth) से गुरुवार यानी 7 अप्रैल को एक सोलर तूफान (Solar Storm) टकरा सकता है।
SWPC ने की है भविष्यवाणी
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर, (SWPC) की तरफ से यह भविष्यवाणी की गई है। NOAA ने ट्विटर पर कहा कि तीन मार्च को करीब 25 डिग्री लंबी सूरज की लपट से तूफान उठा था, इसके कारण जियोमैगनेटिक (geomagnetic ) तूफान 6 अप्रेल को देर रात धरती से टकराएगा। यह तूफान करीब 7 अप्रेल तक चलेगा।
धरती की तरफ बढ़ रहा तूफान कमजोर
बताया जा रहा है कि धरती की तरफ बढ रहा जियोमैगनेटिक तूफान (Geomagnetic Storm) कमजोर है। इसे G1 श्रेणी में रखा गया है। जियोमैगनेटिक तूफानों को G1 से G5 तक की श्रेणी में रखा जाता है जिसमें G5 सबसे ताकतवर होता है।
Satellite communication पर असर
सुबह की पहली किरण ऊंचाई पर शिफ्ट करने के अलावा यह तूफान इलेक्ट्रिकल सिस्टम, पावर ग्रिड्स और पावर प्लांट्स, रेडियो और सेटेलाइट कम्युनिकेशन, नेविगेशन सिस्टम पर भी प्रभाव डाल सकता है। बता दें कि सूरज से एक और लपट 4 मार्च को उठी थी, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका धरती पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था।
क्या है जियोमैगनेटिक Storm
NOAA के अनुसार, यह धरती के चुंबकीय क्षेत्र में बड़ा व्यवधान पैदा करता है, जब सौर हवाओं की ऊर्जा धरती के पर्यावरण से टकराती है यह तूफान सौर हवाओं की विविधताओं के कारण पैदा होते हैं, जिनसे लहरें,प्लाज़्मा और धरती का चुंबकीय क्षेत्र प्रभावित होते हैं। G4 या G5 की तीव्रता का भूचुंबकीय तूफान (geomagnetic storm ) धरती पर जीवन प्रभावित कर सकता है। हर उस चीज़ को प्रभावित कर सकता है, जो बिजली से संचालित होती हो।