New Delhi News : मेडिकल साइंस की तरक्की की एक और कहानी डॉक्टरों ने लिख डाली। 79 वर्ष के एक बुजुर्ग, जो पहले से ही किडनी, डायबिटीज और एनीमिया जैसी बीमारी से पीड़ित थे, उन्हें हार्ट अटैक आ गया। प्रारंभिक जांच में हार्ट में 90 प्रतिशत आर्टरी ब्लॉकेज पाया गया। उनका हार्ट 30 प्रतिशत ही काम कर रहा था। मरीज की उम्र और कई बीमारियों के खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने इलाज को देखते हुए डॉक्टरों ने इलाज का अनोखा तरीका अपनाया। डॉक्टरों ने न तो चीरा लगाया और न ही उन्हें बेहोश ही किया और सर्जरी भी हो गई, जो सफल भी रही। आइए आखिर डॉक्टरों ने ऐसा कैसे किया…, आप भी जानें…
भारत में पहली बार तीन आधुनिक तकनीकों का हुआ एक साथ इस्तेमाल
बताया गया कि इस सर्जरी के जरिए भारत में पहली बार तीन आधुनिक तकनीकों का एक साथ इस्तेमाल किया गया। ऑपरेशन के दौरान मरीज को बेहोश करने की तथा चीरा लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ी। आपको बता दें दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल के डॉक्टरों ने यह कमाल किया है। डॉक्टरों ने मरीज की हाथ की आर्टरी के जरिए यह ऑपरेशन किया है। पूरी सर्जरी के दौरान बुजुर्ग जगे रहे। ये तीन अत्याधुनिक तकनीक क्या रहे…, आइए जानें…
लगाया गया सबसे छोटा आर्टिफिशियल हार्ट सपोर्ट
बताया गया कि जब मरीज को अस्पताल लाया गया था, तब उन्हें छाती में दर्द के साथ सांस न लेने की परेशानी हो रही थी। उनकी उम्र को देखते हुए तीन आधुनिक तकनीकों से एक साथ इलाज किया गया। इस सर्जरी में दुनिया का सबसे छोटा आर्टिफिशियल हार्ट सपोर्ट मरीज को लगाया गया। इसके अलावा बिटल आर्की टोमी बलून का प्रयोग किया गया। ये बैलून हार्ट की आर्टरी के कैल्शियम को कई सारे छोटे हिस्सों में काट देता है। तीसरी इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड किया गया। इससे कैमरे की मदद से हार्ट को देखा जा सकता है।