Kanpur, Uttar Pradesh news : उत्तर प्रदेश अंतर्गत कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी में रहने वाले आयकर कर्मी की मौत के बाद उनके परिवार ने 17 माह तक शव को घर में ही रखे रहा। क्योंकि उन्हें लगता था कि वह जिंदा हो जाएंगे। जिस आयकर कर्मी की मौत हुई थी वह हैदराबाद में कार्यरत थे। उनका नाम विमलेश गौतम था। बता दें कि आयकर कर्मी विमलेश गौतम की मौत 22 अप्रैल 2021 को हुई थी। इसके बाद से अगले 17 माह तक उनके शव घर में ही रखा।
एडिशनल डीसीपी ने घरवालों से की पूछताछ
इस मामले की जानकारी जब प्रशासन को हुई तो बुधवार को एडिशनल डीसीपी पश्चिम लखन यादव मृतक के घर पहुंचे। उन्होंने विमलेश के माता राम दुलारी, पिता राम अवतार, पत्नी मिताली, भाई सुनील और दिनेश से लगभग 40 मिनट तक पूछताछ की। उनका कहना है कि पूछताछ में परिजनों ने इतने दिनों तक घर में शव रखे जाने का कारण भावनात्मक जुड़ाव बताया।
गंगाजल से शव को हर दिन धोते थे परिजन, इसलिए नहीं हुआ शव में फंगल इंफेक्शन
लंबी पूछताछ के बाद मालूम हुआ कि मृतक के माता-पिता का दबाव था कि शव को घर में ही रखा जाए। इसलिए उनके निर्णय का घर के दूसरे सदस्य विरोध नहीं कर पाए। घर के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने शव सुुरक्षित रखने के लिए किसी लेप अथवा रसायन का इस्तेमाल नहीं किया। उसे गंगाजल से साफ करते रहे, जिससे फंगल इन्फेक्शन की स्थिति नहीं बनी। पूछताछ में अप्रैल 2021 से अब तक कोई वेतन उनके खाते से आहरित न होने की बात सामने आई है। एडिशनल डीसीपी पश्चिम ने बताया संबंधित विभागों से पत्राचार कर और भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
इस मामले को लेकर 6 दिन पहले घर में पहुंची थी पुलिस
मनोचिकित्सक से भी इस पर बात करने के बाद कारवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 17 माह से घर पर शव सुरक्षित रखा होने की जानकारी पर पुलिस छह दिन पहले विमलेश के घर पहुंची थी। चार घंटे की मशक्कत के बाद बेहतर उपचार के लिए एलएलआर अस्पताल (हैलट) लेकर आए थे। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कराया था।