Kisi ko bhi Vishwas nahin tha ki Ayodhya mein Ram Mandir ka Nirman ho sakta hai, Amit Shah, top national news, Ayodhya news, Ram Mandir Ayodhya, ABVP sammelan : केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और विकास विरोधाभासी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पहले किसी को भी विश्वास नहीं था कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर मंदिर का निर्माण किया जा सकता है। केन्द्रीय मंत्री शाह शुक्रवार को दिल्ली के बुराड़ी मैदान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 69वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर सवाल खड़ा करने वालों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले किसी को विश्वास नहीं था कि अयोध्या में राम मंदिर बन सकता है।
मंदिर निर्माण पर प्रश्न करने वाले को भी दिया निमंत्रण
शाह ने राम मंदिर निर्माण पर प्रश्न करने वालों को भी 22 जनवरी को अयोध्या में मिठाई खाने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और विकास विरोधाभासी नहीं है। हमारी विरासत ही आधुनिक विकास की कुंजी है। हमने अपनी सांस्कृतिक विरासत को अपनाया है और दुनिया भर ने इसको उचित श्रेय दिया है। अमित शाह ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं से कहा कि इस देश का स्वर्णिम भविष्य आपका इंतजार कर रहा है। पिछले 10 सालों में देश में जबरदस्त बदलाव हुए हैं। ‘घोटालों’ की जगह अब हमारे पास नयी-नयी ‘योजनाएं’ हैं। ‘तुष्टीकरण, परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति’ के बजाय अब हमारे पास ‘प्रदर्शन की राजनीति’ है। उन्होंने कहा कि भारत का समय आ गया है। हर समस्या के समाधान के लिए आज विश्व भारत की ओर आशा के साथ देख रहा है। आप सभी युवाओं की जिम्मेदारी है कि ये जो परिवर्तन आया है, इस परिवर्तन को सातत्यपूर्ण बनाते हुए हमारी कल्पना के भारत की रचना आपको करनी है।
मैं एबीपीपी का आर्गेनिक प्रॉडक्ट हूं
शाह ने एबीवीपी से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मैं एबीपीपी का आर्गेनिक प्रॉडक्ट हूं।’ उन्होंने कहा कि वह आज यहां राष्ट्रीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर गौरव महसूस कर रहे हैं। शाह ने कहा, ‘ये अनुभव वही व्यक्ति कर सकता है, जिसकी शुरुआत राजकोट अधिवेशन में पंडाल के अंत में बैठ कर हुई है और वह आज मुख्य अतिथि बन कर यहां खड़ा है।’ उन्होंने एबीवीपी को शिक्षा व्यवस्था का सबसे बड़ा संगठन बताते हुए कहा कि यह न केवल शिक्षा प्रणाली की खामियों को दूर करने का प्रयास करता है, बल्कि अपने छात्रों के चरित्र निर्माण में भी मदद करता है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने अपनी स्थापना के बाद से देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। चाहे भाषा आन्दोलन हो, शिक्षा आन्दोलन हो या संस्कृति का संरक्षण एबीवीपी हमेशा सबसे आगे रही है।
आनेवाले 25 वर्षों में भारत विश्व गुरु बनेगा
उन्होंने कहा,’विद्यार्थी परिषद के छात्र देश के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, चाहे वह शिक्षा हो, मीडिया हो या राजनीति। विद्यार्थी परिषद ने वर्षों से अपने छात्रों की हर छोटी-बड़ी समस्याओं को उठाया है। मेरे आगमन पर, ‘कश्मीर हो या गुवाहाटी, अपना देश अपनी मिट्टी’ की गूंज थी! (चाहे कश्मीर हो या गुवाहाटी, यह हमारा देश है, यह हमारी धरती है!) चिंता न करें, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, कश्मीर हमारा है! उत्तर-पूर्व हमारा है!’ गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया है कि आनेवाले 25 वर्षों में भारत विश्व गुरु बनेगा।
क्योंकि इसे देखने के लिए आप सभी होंगे
उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव और अमृतकाल का जो संकल्प नरेन्द्र मोदी ने देश के सामने रखा है, वह आपके लिए है, क्योंकि इसे देखने के लिए आप सभी होंगे। जब आजादी के 100 वर्ष पूरे हों, तब उस आजादी के लिए बलिदान देने वाली सभी हुतात्माओं की कल्पना का भारत बनाने की जिम्मेदारी विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन की है, मेरे सामने जो विराट युवाशक्ति बैठी है, उसकी है। उन्होंने कहा कि युवाशक्ति किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी होती है और युवाशक्ति ही देश एवं समाज को शिखर पर ले जाने का काम करती है। भारत में ढेर सारे युवाओं ने युग परिवर्तन किया है। आपको तो रास्ता तलाशने की भी जरूरत नहीं है, 75 वर्षों में विद्यार्थी परिषद की पीढ़ियों ने ज्ञान, शील, एकता का जो रास्ता बना कर रखा है, उसी रास्ते पर आपको चलना है। आपको सिर्फ संकल्प लेने की आवश्यकता है।