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…और इस तरह ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा से निराश इन 33 नक्सलियों ने कर दिया सुरेंद्र

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Bijapur news, Chattisgarh news : जब विचारधारा की राह गलत लगने लगती है, तो मन में सवाल उठाते हैं और इस सवाल का सही उत्तर मिल जाए तो खराब से खराब आदमी रास्ता बदल देता है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने सरेंडर कर ऐसा ही संदेश दिया दिया है। नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शनिवार को 33 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। इनमें से तीन नक्सलियों पर कुल पांच लाख रुपये का नकद इनाम है। बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि नक्सलियों ने जिले के वरिष्ठ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया कि नक्सली आदिवासियों पर माओवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों और ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा से निराश हैं तथा वे पुलिस की पुनर्वास नीति से भी प्रभावित हैं। बता दें क‌ि आत्मसमर्पण करने वाले 33 कैडर में दो महिलाएं भी शामिल हैं, जो माओवादियों की गंगालूर क्षेत्र समिति के तहत विभिन्न शाखाओं और संगठनों में सक्रिय थीं।

सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की सहायता

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर-1 के सदस्य राजू हेमला उर्फ ठाकुर (35) और प्लाटून नंबर-1 के सदस्य सामो कर्मा पर 2-2 लाख रुपये का इनाम है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सलियों में माओवादियों की जनताना सरकार (आरपीसी) का प्रमुख सुद्रु पुनेम है, जिस पर एक लाख रुपये का इनाम है। अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन तीनों नक्सलियों पर सुरक्षाबलों पर हमले करने का आरोप है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि इस आत्मसमर्पण के साथ ही इस साल अब तक जिले में 109 नक्सली हिंसा छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, इसी अवधि में जिले में 189 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया।

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