Andhra Pradesh (आंध्रप्रदेश) के विजयवाड़ा स्थित सरकारी अस्पताल परिसर में दिव्यांग महिला को कथित तौर पर हवस का शिकार बनाने का मामला सामने आया है। आरोपियों को पुलिस ने तत्काल अरेस्ट कर लिया है। इस जघन्य अपराध में तीन लोग शामिल बताए जा रहे हैं। मामले का सीएम जगन मोहन रेड्डी ने संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है कि अगर इस अपराध में अस्पताल प्रशासन की गलती पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार इस प्रकरण पर पीड़ित महिला के परिवार को 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा कर चुकी है।
विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त कांथी राणा टाटा के मुताबिक, 20 अप्रैल की दोपहर महिला की मां ने नुन्ना थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी बेटी लापता है। पुलिस ने तब श्रीकांत से पूछताछ की, जो एक संदिग्ध था। श्रीकांत ने शुरू में पुलिस को बताया कि महिला 19 अप्रैल की रात को उससे मिलने आई थी, लेकिन उसने दावा किया कि रात होने के कारण उसने उसे एक ऑटो में भेज दिया। हालांकि, महिला के मिलने के बाद, उसने पुलिस को सूचित किया कि श्रीकांत ने उसे ऑटो में नहीं भेजा था, बल्कि नौकरी की पेशकश के वादे के साथ उसे सरकारी सामान्य अस्पताल ले गया था।
एक आरोपी ने शादी का दिया प्रलोभन
महिला ने दावा किया कि आरोपी ने उससे कहा कि वह उससे शादी करेगा और फिर उसके साथ बलात्कार किया। उसने आरोप लगाया कि आरोपी ने बाद में उसे अस्पताल में छोड़ दिया। महिला ने पुलिस को बताया कि अस्पताल में श्रीकांत के दोस्त बाबू राव और उसके दोस्त पवन कल्याण ने उसे देखा तो उन्होंने भी उसके साथ दुष्कर्म किया।
कुछ ही घंटों में पकड़े गए तीनों आरोपी
महिला की शिकायत के आधार पर गुमशुदगी के मामले को बलात्कार के मामले में बदल दिया गया और महिला को आगे के मेडिकल चेकअप के लिए भेज दिया गया। मामला दिशा एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) वीवी नायडू को सौंपा गया था। कुछ ही घंटों में तीनों आरोपियों 26 वर्षीय दारा श्रीकांत शेखर, 23 वर्षीय चेन्ना बाबूराव और 23 वर्षीय करंगुलु पवन कल्याण को गिरफ्तार कर लिया गया।