दिल्ली के राऊज एवेन्यू अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को एक और बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी। विशेष जज गीतांजलि गोयल ने यह फैसला सुनाया। मामले में अदालत ने 14 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील एन हरिहरन ने कहा था कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ जो भी साक्ष्य हैं वे दस्तावेजी हैं और उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार के मंत्री हैं और उनके भागने की तनिक भी संभावना नहीं है। किसी भी गवाह ने कभी भी सत्येंद्र जैन से किसी भी खतरे की की बात नहीं कही है। जैन के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग कर रहे हैं। सत्येंद्र जैन ईडी के बुलावे पर सात बार पेश हो चुके हैं, इसलिए उन्हें जमानत दे दी जाए।
ईडी के वकील ने जमानत देने का किया था विरोध
मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की तरफ से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि ईडी लाला शेर सिंह ट्रस्ट से पैसों के लेनदेन की जांच कर रहा है। दो अथवा तीन लोगों ने कोलकाता में तीन-चार एकामोडेशन एंट्री की है। उन्होंने अपने अकाउंटेंट जेपी मोहता के ऑफिस में बैठक कर कहा कि हवाला के जरिये रकम जाएगी। 17 करोड़ रुपये की एकामोडेशन एंट्री का पता चला है। कोई भी व्यक्ति फ्री में एकामोडेशन एंट्री नहीं करता है। इसके लिए कमीशन ली जाती है। यदि सत्येंद्र जैन को जमानत दी गई तो साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ होने की पूरी संभावना है। राजू ने आगे कहा था कि जब ईडी सत्येन्द्र जैन से पूछताछ कर रही थी तो उन्होंने कहा था कि उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ था। इससे उनकी याददाश्त चली गई है। राजू ने कहा था कि यदि जैन को जमानत दी गई तो साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना है।