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थल सेनाध्यक्ष का देश की समृद्धि में पूर्व सैनिकों के अमूल्य योगदान पर जोर

थल सेनाध्यक्ष का देश की समृद्धि में पूर्व सैनिकों के अमूल्य योगदान पर जोर

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सैन्य जीवन अलविदा कहने पर बदल जाती है जिम्मेदारी की दूसरी पारी, पूर्व सैनिकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना भारतीय सेना की प्रतिबद्धता

Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने देश की समृद्धि में पूर्व सैनिकों के अमूल्य योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सैन्य जीवन अलविदा कहने पर उनकी राष्ट्र के प्रति सेवाएं समाप्त नहीं होती हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी जिम्मेदारी दूसरी पारी में बदल जाती है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भारतीय सेना की प्रतिबद्धता दोहरायी।
थल सेनाध्यक्ष गुरुवार को नयी दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट आॅर्गनाइजेशन की ओर से आयोजित शिखर सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। शिखर सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां मौजूद रहीं, जिनमें अनुभवी उद्यमी, व्यवसाय और उद्योग क्षेत्र के अग्रणी दिग्गज, कॉपोर्रेट संस्थाएं, सरकार और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल थे। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को एक आम मंच पर एक साथ लाना था, ताकि उद्यम की आवश्यकताओं और दिग्गजों के पास मौजूद मुख्य दक्षताओं के बीच अन्तर को कम किया जा सके। शिखर सम्मेलन ने उद्योग, सार्वजनिक उपक्रमों और अर्ध सरकारी संगठनों के साथ अनुभवी समुदाय के सम्बन्धों को मजबूत करने में सहायता की।
थल सेनाध्यक्ष जनरल पांडे ने अपने मुख्य भाषण में देश की समृद्धि में दिग्गजों के अमूल्य योगदान पर जोर देते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों के अनुभव का उपयोग कई कॉरपोरेट घरानों में किया जा सकता है। सीओएएस ने उल्लेख किया कि सैन्य जीवन अलविदा कहने पर उनकी राष्ट्र के प्रति सेवाएं समाप्त नहीं होती हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी जिम्मेदारी दूसरी पारी में बदल जाती है। उन्होंने सभी से ‘भूतपूर्व सैनिक, अलौकिक योगदान’ शब्दों की क्षमता को पहचानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ समग्र कौशल प्रमाणन की प्रक्रिया शुरू की है।
यह शिखर सम्मेलन भारतीय सेना के दिग्गजों के लिए इको-सिस्टम विकसित करने का एक प्रयास था। विभिन्न क्षेत्रों के पैनलिस्टों ने नयी भूमिकाओं में दिग्गजों के लिए नये रास्ते, क्षमता, चुनौतियों और पहल के सम्पूर्ण परिदृश्य पर व्यावहारिक दृष्टिकोण सामने रखे। दूसरे करियर में खुद को स्थापित करनेवाले दिग्गजों ने अपने अनुभव और सफलता की कहानियां साझा कीं। सम्मेलन में दिग्गजों की क्षमता और अनुभव का इस्तेमाल करने, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल, भारत की विकास गाथा में दिग्गजों के लिए अवसरों का अनावरण विषयों पर चर्चा की गयी, जिसका उद्देश्य राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका वाले दिग्गजों और विभिन्न क्षेत्रों के बीच तालमेल को बढ़ावा देना था।

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