प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 3,887 करोड़ रुपये की लागत से 15 स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) की खरीद को मंजूरी दे दी है। इस बाबत रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 10 हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 377 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे को भी मंजूरी दी गई है। वायुसेना ने खुद के लिए 65 और सेना ने 114 एलसीएच हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता बताई है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे हेलीकॉप्टर
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित वह निर्मित अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। इसमें मूल्य के हिसाब से लगभग 45 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है, जो उत्तरोत्तर बढ़कर 55 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। यह हेलीकॉप्टर अपेक्षित चपलता, गतिशीलता, विस्तारित रेंज, उच्च ऊंचाई प्रदर्शन और चौबीसों घंटे, कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू (सीएसएआर), दुश्मन वायु रक्षा के विनाश (डीईएडी), काउंटर की भूमिका निभाने के लिए हर मौसम में मुकाबला करने की क्षमता से लैस है। यह हेलीकॉप्टर जंगल और शहरी वातावरण में आतंकवाद विरोधी अभियान में भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली मंच होगा।
भारतीय वायु सेना को 65 और थल सेना को 114 ऐसे हेलीकॉप्टरों की जरूरत
बता दें कि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने एचएएल निर्मित 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) के प्रारंभिक बैच के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके बाद स्वीकृत 15 लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) के तहत वायुसेना ने 15 हेलीकॉप्टरों के उत्पादन के लिए एचएएल को अनुरोध पत्र जारी किया था। इसमें 5 सेना हेलीकॉप्टर सेना को मिलेंगे। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारतीय वायु सेना को जल्द ही तीन हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों (एलसीएच) का पहला बैच देने के लिए कमर कस रहा है। भारतीय वायुसेना ने खुद के लिए 65 और थल सेना ने 114 एलसीएच हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता बताई है।
12000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम
भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना में शामिल करने के लिए एलसीएच को संबंधित एजेंसी ने प्रमाणित किया है। एचएएल ने संकेत दिया है कि पहले बैच में भारतीय वायुसेना को जल्द ही तीन हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर दे दिए जायेंगे। एलसीएच 5.5 टन का दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जिसे एचएएल ने भारतीय सशस्त्र बलों की विशिष्ट और अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन और विकसित किया है। यह 12 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। आर्मी एविएशन में छोटी उपयोगिता वाले हेलीकॉप्टरों का संचालन किया जाता है और उसके बेड़े में लड़ाकू हेलीकॉप्टर नहीं होते हैं। इसलिए यह हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के हवाई बेड़े की जरूरत पूरी करेंगे।