National News Update, New Delhi, Supreme Court Hearing On Scrapping Article 370, Central Government Submitted Facts : याद कीजिए दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 वापस ले लिया था। मोदी सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली 20 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं। इन याचिकाओं पर पर सुनवाई शुरू हो गई है। 2 अगस्त सुप्रीम कोर्ट इस पर रेगुलर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने इस विषय में केंद्र सरकार को हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। सुनवाई शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने हलफनामा पेश कर आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का बचाव करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है। जानते हैं केंद्र सरकार ने क्या-क्या कहा है।
“अभूतपूर्व स्थिरता और प्रगति”
मोदी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि इस फैसले से जम्मू कश्मीर में क्षेत्र में “अभूतपूर्व स्थिरता और प्रगति” आई है। साथ ही आतंकवादियों और अलगाववादियों द्वारा फैलाई जाने वाली हिंसा अब अतीत की बात बन गई है। आइए जानते हैं कि मोदी सरकार ने अपने फैसले में क्या क्या कहा?
पत्थरबाजी पर नियंत्रण, आतंकवाद पर रोक
हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि पत्थरबाजी अतीत की बात हो गई है। 2018 में पथराव की घटनाएं 1767 तक पहुंच गईं थीं, लेकिन धारा 370 हटने के बाद ये शून्य पर आ गई हैं। इसके अलावा आतंकवाद के खिलाफ भी जीरो टॉलरेंस की नीति है। आतंकी नेटवर्क को नष्ट कर दिया गया है। 2018 से 2022 तक आतंकी घटनाओं में 45।2% की कमी आई है। घुसपैठ की घटनाएं भी 2018 में 143 की तुलना में 2022 में 14 पर आ गई हैं। इसके अलावा 2018 में 91 सुरक्षाबलों की जान गई थी। 2022 में यह घटकर 31 रह गई है।
विकास और शांति के रास्ते पर कश्मीर
20 पेज के हलफनामे में केंद्र ने शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इस “ऐतिहासिक कदम से क्षेत्र में स्थिरता, शांति, विकास और सुरक्षा आई है”।
केंद्र ने कहा, जम्मू-कश्मीर में जीवन के सभी क्षेत्रों में व्यापक वृद्धि, विकास और प्रगति हुई है और लद्दाख संसदीय कौशल के प्रमाण के तौर पर सामने है। लोकतांत्रिक तरीके से संवैधानिक बदलाव किए जाने के बाद, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठाए गए। क्षेत्र के सभी निवासी देश के अन्य हिस्सों में नागरिकों के लिए उपलब्ध अधिकारों का आनंद ले रहे हैं।
कश्मीर में पर्यटको की संख्या बढ़ी
केंद्र ने कहा, ‘फैसले के बाद घाटी में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दिसंबर 2022 तक, 1।88 करोड़ पर्यटक आए हैं। घाटी में पर्यटन के इतिहास में वहां आयोजित जी-20 बैठक एक महत्वपूर्ण घटना थी। देश ने गर्व से दुनिया के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता प्रदर्शित की कि अलगाववादी आतंकवादी क्षेत्र ऐसा कर सकता है। इसे एक ऐसे क्षेत्र में परिवर्तित किया जाए जहां अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया जा सके और वैश्विक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें।’
कश्मीरी पंडितों की होगी वापसी
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में कहा, कश्मीरी पंडितों की घाटी में सुरक्षित वापसी के लिए पारगमन आवास पर काम उन्नत चरण में है और अगले एक साल में पूरा होने की उम्मीद है। सरकार ने कहा कि तीन दशकों से अधिक की उथल-पुथल के बाद क्षेत्र में जीवन सामान्य हो गया है।
केंद्र ने कहा, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक संस्थान पिछले तीन वर्षों के दौरान बिना किसी हड़ताल या किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के कुशलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। दैनिक हड़ताल, हड़ताल, पथराव और बंद की पहले की प्रथा अब अतीत की बातें हैं।