New Delhi news : दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बड़ा झटका लगा है। Kejriwal के वकील की ओर से तमाम दलीले पेश करने के बाद भी इनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही है। आबकारी नीति केस में दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक फिर Kejriwal की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी है। इसी मामले में कोर्ट ने एक अन्य आरोपी विनोद चौहान की हिरासत की अवधि भी बढ़ा दी है। इन दोनों की हिरासत की अवधि समाप्त हो रही थी। जिसे देखते हुए बुधवार को दोनों मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई थी।
के कविता के पीए मार्फत पहुंचे थे 25 करोड़
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि विनोद चौहान ने BRS की नेता के कविता के पीए के मार्फत 25 करोड़ रुपये लिए थे। उसे गोवा में होने वाले चुनाव के लिए अभिषेक बोइनपल्ली के जरिए लिया गया था। साथ ही कोर्ट में बताया गया कि इस महीने के अंत में विनोद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाएगी। उसको मई में गिरफ्तार किया गया था
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न्यायिक हिरासत का विरोध, नहीं है न्यायोचित : जैन
केजरीवाल की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ वकील विवेक जैन ने दलीले पेश की थी। VC के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश सीएम केजरीवाल से जब पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहते हैं। जिसके जवाब में सीएम ने कहा, ”मैं कुछ नहीं कहना चाहता। मेरे वकील मौजूद हैं।” फिर वकील विवेक जैन ने कहा कि न्यायिक हिरासत को न्यायोचित ठहराने जैसा कुछ नहीं है। हम न्यायिक हिरासत का विरोध करते हैं। गिरफ्तारी को पहले ही चुनौती दी गई है। यह सुप्रीम कोर्ट के सामने विचाराधीन है।
इसी महीने केजरीवाल ने किया है सरेंडर
गौरतलब है कि ED के द्वारा अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में 21 मार्च में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि KEJRIWAL के विशेष आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए मई के महीने में 21 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी थी। इस अवधि के समाप्त होने के पूर्व केजरीवाल ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत की अवधि सात दिन के लिए और बढ़ाने की मांग की थी लेकिन केजरीवाल को जमानत नहीं मिल पाई थीं । सुप्रीम कोर्ट से मिले अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद उन्होंने 2 जून को ही तिहाड़ जेल में सरेंडर करना पड़ा था।