Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनावाई की और सीएम केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि शराब नीति घोटोले में दस्तावेज के अनुसार अरविंद केजरीवाल साजिश में शामिल हैं।
इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि शराब नीति घोटोले में दस्तावेज के अनुसार अरविंद केजरीवाल साजिश में शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा- यह याचिका जमानत के लिए नहीं
न्यायाधीश स्वर्णकांता शर्मा ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये याचिका अरविंद केजरीवाल की जमानत से संबंधित नहीं है इसलिए हम जमानत पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। अदालत ने कहा ये ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी को चैलेंज को लेकर याचिका दाखिल की गई है।
कोर्ट ने कहा केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी ने जिन गवाहों की गवाहों की गवाही को चैलेंज किया है और जो दलीलें दी हैं वो गलत है क्योंकि सरकारी गवाहों ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने गवाही दी है और सरकारी गवाह कौन होगा ये अदालत तय करती है।
बता दें अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 अप्रैल को दिल्ली के शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट किया था। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्त्तारी और ईडी की रिमांड को असंवैधानिक बताया था।
सीएम केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया था और आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और समान अवसर सहित संविधान की मूल संरचना का ‘उल्लंघन’ है।
वहीं ईडी ने सीएम केजरीवाल की इस याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी केजरीवाल आगामी चुनावों के आधार पर गिरफ्तारी से “छूट” का दावा नहीं कर सकते क्योंकि कानून उन पर और “आम आदमी” पर समान रूप से लागू होता है।
दिल्ली की एक अदालत ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार बीआरएस नेता के कविता को अंतरिम जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि प्रथम दृष्टया उन्होंने न केवल सबूत नष्ट किए बल्कि गवाहों को प्रभावित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसकी “पूरी संभावना है” “उसके अंदर ऐसा करना जारी है