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बंगाल के राज्यपाल का सनसनीखेज बयान, बोले- मैं राजभवन में पुलिस के साथ सुरक्षित नहीं

बंगाल के राज्यपाल का सनसनीखेज बयान, बोले- मैं राजभवन में पुलिस के साथ सुरक्षित नहीं

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Kolkata News: राजभवन की सुरक्षा को लेकर ममता सरकार और राज्यपाल एक बार फिर आमने सामने है। इस मामले पर राज्यपाल की तल्ख़ टिप्पणी सामने आई है। राज्यपाल  कोलकाता पुलिस की राजभवन में मौजूदगी से अपने लिए खतरा बताया है। राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने गुरुवार(20 जून) को कहा कि उन्हें राजभवन में बंगाल सरकार द्वारा तैनात कोलकाता पुलिस के मौजूदा दल से अपनी सुरक्षा के लिए खतरा होने का अंदेशा है। राज्यपाल द्वारा अभी हाल ही में बंगाल पुलिस को राजभवन परिसर खाली करने का आदेश दिया गया था, जबकि अभी भी राजभवन में पुलिस बल की तैनाती हैं। इस आदेश के बाद भी पुलिसकर्मियों की मौजूदगी को लेकर राज्यपाल का यह बयान आया है। राज्यपाल ने कहा, ”मेरे पास कारण हैं, जिनकी वजह से मुझे लगता है कि मौजूदा प्रभारी और उनका दल मेरी निजी सुरक्षा के लिए खतरा है।”

पुलिसकर्मियों पर राजभवन में जासूसी का आरोप 

राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने कहा, ”मैंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सूचित किया कि राजभवन में  कोलकाता पुलिस के साथ मैं असुरक्षित महसूस कर रहा हूं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”  सूत्रों के मुताबिक बोस ने  राजभवन में तैनात पुलिसकर्मियों के द्वारा जासूसी कराए जाने की शिकायत की है। उन्हें इस बात का अंदेशा है कि  राजभवन में तैनात पुलिसकर्मियों के द्वारा ऐसा‘प्रभावशाली लोगों’ के इशारे पर किया जा रहा है।

बंगाल पुलिस को परिसर खाली करने का था आदेश

ज्ञात हो कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने विगत सोमवार को राजभवन में तैनात  कोलकाता पुलिसकर्मियों को परिसर तत्काल खाली करने का आदेश दिया था। सूचना के मुताबिक राजभवन के उत्तरी द्वार के पास पुलिस चौकी को हटाकर ‘जन मंच’ में बदलने की योजना बनाई गई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ”राज्यपाल ने प्रभारी अधिकारी सहित राजभवन के अंदर तैनात पुलिस अधिकारियों को तत्काल परिसर खाली करने का आदेश दिया है।”

पुलिस ने शुभेंदु अधिकारी को राजभवन जाने से रोका

पूर्व में शुभेंदु अधिकारी को भी राजभवन में प्रवेश से रोका गया था। उस दौरान भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी और  चुनाव के बाद हुई हिंसा पीड़ित राज्यपाल से मिलने आए थे। जिन्हें राजभवन में प्रवेश से रोक दिया गया था। बताया जा रहा है कि बंगाल पुलिस द्वारा ऐसी कारवाई तब हुई थी जब उनलोगों  के  पास राज्यपाल से मिलने की  लिखित अनुमति पत्र था। राजभवन के द्वारा बंगाल पुलिस की इन हरकतों के बाद  यह आदेश दिया गया था।

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