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Big achievement: शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का परीक्षण, 475 किलोमीटर दूर था निशाना

Big achievement: शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का परीक्षण, 475 किलोमीटर दूर था निशाना

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चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात होगी ‘प्रलय’ मिसाइल, सरकार ने दी मंजूरी, सतह से सतह पर मार करनेवाली मिसाइल 500-1000 किलो भार ले जाने में सक्षम

National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news  : भारत ने मंगलवार को सुबह 9:50 बजे ओडिशा के तट के पास अब्दुल कलाम द्वीप से प्रलय शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की परीक्षण रेंज 475 किलोमीटर तक थी। यह सतह से सतह पर मार करनेवाली मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 500 किमी. तक है। इसके अलावा इसकी मारक क्षमता वारहेड के वजन पर निर्भर करती है। रक्षा मंत्रालय ने प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों को चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनाती को मंजूरी दी है। भारत इस मिसाइल को अपनी रॉकेट फोर्स में भी शामिल करने पर विचार कर रहा है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने नयी पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का उड़ान परीक्षण ओडिशा तट के कलाम द्वीप से किया। आज किये गये परीक्षण में मिसाइल की रेंज 475 किलोमीटर तक थी। मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। इस दौरान निगरानी उपकरणों के जरिये तट रेखा से इसके प्रक्षेपण की निगरानी की गयी। मिसाइल ने उच्च डिग्री की सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य को निशाना बनाया। मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने भी संतोषजनक प्रदर्शन किया। सभी सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक करके सभी घटनाओं को कैप्चर किया।

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की मारक क्षमता को बड़ा बढ़ावा देते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनाती के लिए ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट की खरीद को मंजूरी दे दी है। चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर तैनाती करने के लिए यह भारतीय सेना के लिए एक बड़ा निर्णय है, क्योंकि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल 150-500 किलोमीटर के बीच लक्ष्य को मार सकती है। मिसाइल में एक निश्चित दूरी तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता है। सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 500-1000 किलोग्राम का भार वहन करने में सक्षम है। इसे मोबाइल लॉन्चर से भी लॉन्च किया जा सकता है।

मिसाइल को पहले भारतीय वायु सेना में शामिल किया जायेगा, जिसके बाद भारतीय सेना में शामिल किये जाने की सम्भावना है। इस तरह की मिसाइल प्रणाली का इस्तेमाल लम्बी दूरी की दुश्मन वायु रक्षा प्रणालियों और अन्य उच्च-मूल्य वाले मिसाइलों को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है। इन मिसाइलों को सशस्त्र बलों में शामिल करने के प्रस्ताव को ऐसे समय में मंजूरी दी गई है, जब भारत अपनी रॉकेट फोर्स बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जो लम्बी दूरी से दुश्मन के ठिकानों को मार गिरा सके। चीनी सेना के पास पहले से ही रॉकेट फोर्स है। भारत इस बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ को भी अपनी रॉकेट फोर्स में भी शामिल करने पर विचार कर रहा है।

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