केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने राजद सुप्रीमो लालू यादव से जुड़े 15 ठिकानों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में की गई है।
उन पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुआ भर्ती घोटाला हुआ था। इस मामले में सीबीआई ने उन पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। सीबीआई ने लालू यादव से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर ये छापेमारी की जा रही है।
किस मामले में सीबीआई कर रही कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि लालू यादव जब केंद्रीय रेल मंत्री थे, तब जॉब के बदले लोगों से जमीन ली गई थी. इसी मामले में सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। सीबीआई इसी मामले में लालू से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री थे. जब वे रेल मंत्री थे, जब ऐसे कई मामले सामने आए थे कि जॉब के बदले जमीन दी गई थी।
पटना में भी छापेमारी जारी
आपको बता दें कि पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास पर भी छापेमारी अभी चल रही है। आवास के अंदर सीबीआई के अफसर कार्रवाई कर रहे हैं। ये रेड शुक्रवार की सुबह से जारी है। हालांकि अभी छापेमारी का डिटेल्स नहीं मिल पाया है कि सीबीआई को इस कार्रवाई में क्या- क्या हाथ लगा है।
लालू – नीतीश की नजदीकी बढ़ रही
लालू यादव के ठिकानों पर राजद विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि जिस तरीके से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच में इफ्तार पार्टी के बाद दूरियां कम हुई हैं। दोनों साथ नजर आते हैं। इससे भाजपा परेशान है। रोशन ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर ही सीबीआई की छापेमारी चल रही है। रोशन ने कहा कि बीजेपी लालू परिवार को परेशान और तंग करने के इरादे से रेड करवा रही है।
लालू को कुछ ही दिन पहले मिली थी बेऋ
सीबीआई की यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई, जब कुछ ही दिनों पहले लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में जमानत मिली थी। यह मामला रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का था. 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. करीब 27 साल बाद कोर्ट ने इसी साल फरवरी में इस घोटाले पर फैसला सुनाया था। इसमें लालू यादव को दोषी पाया गया था। इस मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा हुई है।
चारा घोटाले में 53 मुकाबले दर्ज किए गए थे
गौरतलब है कि सीबीआई ने 1996 में चारा घोटाले में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे। ये रुपयों को संदिग्ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था। 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था. जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपी शामिल हैं। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है।