National News Update, New Delhi, Central Government In Supreme Court : शनिवार को केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लेकर पहुंची है जिसमें दिल्ली के उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अधिकारों से संबंधित उसके पूर्व के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है। गौरतलब है 11 मई को दिल्ली सरकार की याचिका पर 5 जजों की बेंच ने कहा था- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे। बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा।
मुख्यमंत्री के ट्रांसफर के फैसले को उपराज्यपाल ने पहले रोक दिया
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के अधिकारों को लेकर 11 मई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 1 दिन बाद 12 मई को सर्विस सेक्रेटरी का ट्रांसफर किया। इसे उपराज्यपाल ने रोक लिया।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के फैसले के एक दिन बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्विस सेक्रेटरी आशीष मोरे को हटा दिया। दिल्ली सरकार का आरोप है कि LG ने इस फैसले पर रोक लगा दी है। LG सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ऐसा कर रहे हैं। यह कोर्ट के आदेश की अवमानना है। हालांकि बाद में LG ने फाइल पास कर दी। उसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर मुख्यमंत्री के अधिकार को सीमित कर दिया और राज्यपाल को मेन बॉस बना दिया।