Madhya Pradesh news : मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। आजीवन कारावास की सजा प्राप्त कर दिया के मामले में जो नई नीति तैयार की गई है, उसमें जघन्य अपराध करने वालों को कोई भी राहत नहीं मिलेगी। नाबालिक से दुष्कर्म और आतंकी गतिविधियों में शामिल अपराधियों को अब अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा। इसके अलावा गैंगरेप के दोषियों, जहरीली शराब बनाने, विदेशी मुद्रा से जुड़े अपराधों, दो अथवा दो से अधिक मामलों में हत्या के दोषी को अब आजीवन जेल में ही रहना पड़ेगा।
कलेक्टर, एसपी की अनुशंसा के बाद ही रिहाई
धारा 376 के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी भी 20 वर्ष का वास्तविक कारावास और परिहार समेत 25 साल पूरा करने से पहले जेल से रिहा नहीं होंगे। जिन आजीवन कारावास के बंदियों को 14 साल अथवा 20 साल की वास्तविक सजा के बाद रिहाई की पात्रता बनेगी, उनकी भी तभी रिहाई होगी जब कलेक्टर, एसपी और जिला प्रोसीक्यूशन आफिसर की अनुशंसा होगी।
बलात्कार के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं
बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजीवन कारावास के ऐसे बंदी जो अच्छे व्यवहार, आचरण आदि के कारण समय पूर्व रिहाई का लाभ लेते हैं, वे अलग श्रेणी के हैं, जबकि आतंकी, बलात्कारी बिल्कुल अलग श्रेणी के अपराधी हैं। बलात्कार के मामलों में किसी भी स्थिति में बंदियों को समय पूर्व रिहाई का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे अपराधी समाज विरोधी हैं। बैठक में गृह सह जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल डॉ. राजेश राजौरा और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।