श्रीराम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा का मामला भी धीरे- धीरे सुलगने लगा है। हालांकि यह विवाद वर्षों से चला आ रहा है। यहां भी अमूमन श्रीराम जन्मभूमि वाली ही स्थिति है। जमीन पर अपना कब्जा बताने के लिए दो पक्षों में कई वर्षों से अदालती लड़ाई चल रही है। इसी क्रम में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के केस में शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में बहस हुई। कोर्ट ने वादी पक्ष से बहस करने के लिए कहा तो उसने अगली तिथि दिए जाने का प्रार्थना पत्र कोर्ट को दे दिया। इसके बाद कोर्ट ने वादी पक्ष पर 250 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 19 अप्रैल मुकर्रर कर दी।
महेंद्र प्रताप व अन्य ने दायर किया गया था वाद
आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड भूमि से कब्जा हटाने के लिए अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह व अन्य की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था। इसके बाद महेन्द्र प्रताप सिंह ने अमीन कमीशन नियुक्त करने, खोदाई करा कर साक्ष्य संकलन करने आदि का प्रार्थना पत्र अदालत को दिया था
कोर्ट सुनवाई के पक्ष में था लेकिन..
शुक्रवार को अदालत में सुनवाई शुरू हुई तो शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी नियम सेवल रूल इलेवन के तहत बहस करना चाहता था। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव और अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि वादी पक्ष पूर्व में दिए गए प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई कराना चाहता था। कोर्ट नियम सेवन रूल इलेवन के तहत सुनवाई करने के पक्ष में था। लेकिन महेन्द्र प्रताप और अन्य की और से अदालत में सुनवाई के लिए अगली तिथि तय करने का प्रार्थना पत्र दे दिया गया।
जुर्माना लगाने के बाद आग्रह स्वीकारा
इधर, इंतजामिया कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि अदालत ने महेन्द्र प्रताप व अन्य के प्रार्थना पत्र पर 250 रुपये का जुर्माना लगाते हुए पत्र में किए गए आग्रह को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तिथि निर्धारित कर दी। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से अदालत में अधिवक्ता जीपी निगम, नीरज शर्मा, अबरार हुसैन मौजूद रहे।