National news update, New Delhi, Modi Government, common Civil code, come in force soon : एक प्रकार से देखा जाए तो देश में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल अभी से बज चुका है। कर्नाटक विधानसभा में चुनाव हारने के बाद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा दी गई नसीहत कि चुनाव में अब हिंदुत्व फैक्टर और मोदी मैजिक से काम नहीं चलेगा, भाजपा के कान खड़े हो गए हैं।
सामाजिक समीकरण को भी नए सिरे से जोड़ने की होगी कोशिश
चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए नए सिरे से हिंदुत्ववादी एजेंडे के बारे में तेजी से कदम आगे बढ़ाया जाने लगा है। इस बीच यह खबर मिल रही है कि मोदी सरकार देश में जल्द ही कॉमन सिविल कोड लागू करेगी। इसके साथ ही चुनावी दृष्टि से भाजपा के पक्ष में गड़बड़ा आ रहे सामाजिक समीकरण को भी नए रसायन के माध्यम से बांधा जाएगा। एनडीए के पुराने साथियों को फिर से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन कौन-कौन साथ आएगा, यह अभी भविष्य के गर्भ में है। इसके विपरीत विपक्ष की एकता को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लगातार कोशिश अब कुछ-कुछ रंग लाने लगी है।
लॉ कमीशन ने तैयार की विस्तृत रिपोर्ट
बताया जाता है कि लॉ कमीशन यानी विधि आयोग ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसे मॉनसून सत्र से पहले कानून मंत्रालय को सौंपा जा सकता है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही मोदी सरकार समान नागरिक संहिता का बिल तैयार करेगी। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस विषय में पार्लियामेंट में बिल कब लाया जाएगा।
बनाया जाएगा बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का अगला लक्ष्य समान नागरिक संहिता हो सकता है। इसे बड़े राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में उठाया जाएगा और वोटरों का ध्यान राष्ट्रवाद के एक नए आयाम की ओर खींचा जाएगा। गौरतलब है कि भाजपा जनसंघ के जमाने से ही देश में नागरिक संगीता की बात करती आ रही है। पहले के अपने दो बड़े मुद्दे राम मंदिर और जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने को उसने सफलतापूर्वक लागू कर दिया है। अब समान नागरिक संहिता की बारी है। ध्यान दीजिए तो साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के संकल्प पत्र में भाजपा ने इस मुद्दे को शामिल किया था।