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Big Message : 27 या 29 नहीं, 28 मई को ही नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे PM नरेंद्र मोदी, आखिर क्यों…

Big Message : 27 या 29 नहीं, 28 मई को ही नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे PM नरेंद्र मोदी, आखिर क्यों…

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National News Update, New Delhi, PM Modi, Will Inaugurate New Parliament Building On 28 May : पॉलिटिक्स की महीनी अपनी आंतरिक जटिलता के लिए जानी जाती है। लेकिन, हर आंतरिक जटिलता के माध्यम से कुशल राजनेता बड़ा संदेश देने की कोशिश करता है और अपने इस काम को वोट की दृष्टि से बड़ा मानता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भी कदम ऐसा नहीं होता, जो वोटर्स को लुभाने के लिए न हो, लेकिन वह तो सिर्फ ‘राष्ट्रनीति’ करते हैं। देश के अन्य दलों के अन्य नेता सिर्फ ‘राजनीति’ करते हैं। ऐसा ही उनका मानना है और ऐसा ही संदेश देना उनके राजनीतिक जीवन का लक्ष्य भी है। इस संदर्भ में नया उदाहरण सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्धाटन न 27, न 29, बल्कि 28 मई को करेंगे। सवाल यह है कि ऐसा संयोग से हो रहा है या सोची-समझी रणनीति के तहत। हम जानते हैं कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था और इसे 28 महीने में बना लिया गया। नया संसद भवन पुरानी बिल्डिंग से 17 हजार स्क्वायर फीट बड़ा है।

 वीडी सावरकर की 140वीं जयंती

अपडेट खबर यह है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। उद्धाटन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नई बिल्डिंग के सिविल स्ट्रक्चर की सफाई शुरू कर दी गई है। इससे पहले 30 मार्च को प्रधानमंत्री नए भवन को देखने गए थे। वे यहां एक घंटे रुके और अधिकारियों से निर्माण की जानकारी ली थी। ध्यान देने की बात है कि 28 मई को हिंदुत्व के आइकन विनायक दामोदर सावरकर की 140 वीं जयंती भी है। 

‘भारतरत्न’ देने की घोषणा की बात

राजनीतिक गलियारे में एक खामोशी हवा चल रही है कि 15 अगस्त या अगले साल 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विनायक दामोदर सावरकर को ‘भारतरत्न’ देने की घोषणा भी कर सकते हैं। हालांकि, इस पर किसी तरह का दावा नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है तो अगले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी को तोड़ने की चुनौती पेश की जा सकती है। कमजोर होती हिंदुत्व की राजनीति को तेज धार देने के लिए ऐसा किया जाना कोई अचरज की बात नहीं होगी।

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