Bihar (बिहार) में बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) से सटे इलाकों में इन दिनों एक बाघ का भय लोगों में व्याप्त है। यह बाघ आसपास के गन्ने के खेत में छिपा रहता है और कब निकल कर किस पर हमला कर देगा, यह किसी को मालूम नहीं पड़ता। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते 15 दिनों के अंदर बाघ ने तीन लोगों पर हमला किया। इनमें 2 की मौत हो चुकी है। 17 साल का एक किशोर जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा है। ग्रामीणों के अंदर बाघ का खौफ इस कदर है कि रात तो रात, दिन को भी घरों से नहीं निकल रहे हैं।
एक साथ 10 लोग निकलते हैं बाहर
ग्रामीण कहते हैं कि गांव के अगल-बगल खेतों में लगे गन्ने में बाघ के छिपे रहने की हमेशा आशंका रहती है। इस वजह से छोटे बच्चे हमेशा डरे रहते हैं। कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। हमलोग 8-10 की संख्या में ही बाहर बैठने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं। अकेले कोई भी खेतों की तरफ नहीं जा रहा है।
बाघ के हमले से घायल अविनाश
VTR में हर्नाटांड़ वन क्षेत्र के बैरिया काला गांव का अविनाश बुरी तरह जख्मी हो चुका है। बाघ के हमले में उसके कमर के नीचे गहरी चोट लगी है। उसे गोरखपुर ले जाया गया था, लेकिन पैसों की कमी की वजह से परिजन वापस ले आए और अब हर्नाटांड़ में ही एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
20 मई को भी बाघ ने किया था हमला
बाकी हमले का सबसे ताजा मामला 20 मई का है। पुरैना कटहा गांव की रहनेवाली विधवा महिला पार्वती देवी की बाघ के हमले में मौत हो गई। पार्वती अपने पांच बेटियों और एक बेटे के सिर का साया थीं। पार्वती के अलावा इस घर में बच्चों को देखनेवाला कोई नहीं बचा है।