बिहार की नीतीश सरकार अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। बीते दिन राजीवनगर में 27 कट्टे जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद रविवार को पटना पुलिस-प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर सदाकत आश्रम स्थित बिहार विद्यापीठ की जमीन को मुक्त कराया। प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया।
अतिक्रमणकारियों में अफरातफरी मच
पुलिस प्रशासन की टीम के सदाकत आश्रम पहुंचते ही अतिक्रमणकारियों में अफरातफरी मच गयी। बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन की टीम ने अवैध रूप से बने कई घरों को ध्वस्त कर दिया। बिहार विद्यापीठ की जमीन पर अवैध अतिक्रमण को लेकर पटना की कोर्ट में मामला चल रहा था। कोर्ट ने यहां अवैध रूप से रह रहे लोगों को 24 घंटे के भीतर जमीन खाली करने का आदेश दिया था।
घंटे में जमीन खाली करने का आदेश
विद्यापीठ की जमीन पर लंबे समय से रह रहे लोगों का कहना था कि कोर्ट 24 घंटे के भीतर जमीन को खाली करने का आदेश दिया गया था लेकिन इतने कम समय में घर परिवार को लेकर दूसरी जगह शिफ्ट करना संभव नहीं है और प्रशासन की इस कार्रवाई से कई परिवार सड़क पर आ गए हैं। उक्त जमीन पर रहने के एवज में बिहार विद्यापीठ को किराया भी देते थे लेकिन काफी कम समय में यह कार्रवाई की गई है, जिससे वे सड़क पर आ गए हैं। लोगों का कहना है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने उनके पूर्वजों को यहां बसाया था लेकिन आज उन्हें बेघर कर दिया गया।
मामले में हस्तक्षेप करें मुख्यमंत्री
घटना स्थल पर पहुंचे जाप प्रमुख पप्पू यादव ने कहा कि बिहार विद्यापीठ, सदाकत आश्रम की जमीन पर लंबे समय से रह रहे लोगों को अचानक जमीन खाली करने का आदेश दे दिया गया, जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोग परेशान हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। पप्पू यादव ने कहा कि हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन 24 घंटे में घर खाली कराना कही से भी सही नहीं है। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को कम से कम एक महीने के समय मिलना चाहिए।